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बदला-बदला दिखा सदन

सत्ता परिवर्तन के साथ ही विधानसभा का चेहरा भी बदला हुआ दिखा। यह परिवर्तन बड़ा नहीं, लेकिन महत्वपूर्ण रहा। शुक्रवार को आहूत विशेष सत्र में सदन नेता की जगह शिबू सोरन दिखे, वहीं पिछले सत्र तक सदन नेता...

 बदला-बदला दिखा सदन
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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सत्ता परिवर्तन के साथ ही विधानसभा का चेहरा भी बदला हुआ दिखा। यह परिवर्तन बड़ा नहीं, लेकिन महत्वपूर्ण रहा। शुक्रवार को आहूत विशेष सत्र में सदन नेता की जगह शिबू सोरन दिखे, वहीं पिछले सत्र तक सदन नेता रहे मधु कोड़ा का स्थान परिवर्तन हो गया। अब वह ट्रेारी बेंच की पहली पंक्ित में बैठनेवाले गैर मंत्री सदस्यों की सीट के पहले सदस्य के रूप में दिखेंगे। पिछली सरकार में मंत्री रहे चंद्रप्रकाश चौधरी की जगह फारवर्ड ब्लॉक की अपर्णा सेनगुप्ता दिखीं। उन्हें मंत्री भानू प्रताप शाही की साथवाली सीट पर जगह दी गयी है। पूर्व मंत्री सह आजसू के विधायक चंद्रप्रकाश चौधरी विधायक बनने के बाद पहली बार विपक्ष में बैठे। उन्हें भाजपा विधायकों के साथ जगह दिया गया है। बाकी सदस्यों के बैठने की स्थिति यथावत बनी है।ड्ढr पहली बार बोले सीपीआइ विधायक रामचंद्र रामड्ढr रांची। सिमरिया विधानसभा के चुनकर आये सीपीआइ विधायक रामचंद्र राम पहली बार औपचारिक भाषण दिया। सरकार को समर्थन करनेवाले सदस्य ने समर्थन देने के औचित्य को बताया। उन्होंने यह स्थापित करने की कोशिश की। शिबू सोरन सरकार को समर्थन के एवज में सूबे में पंचायत चुनाव कराने की जोरदार वकालत की।ड्ढr अपर्णा ने उठाया दल-बदल का मामलाड्ढr रांची। फारवर्ड ब्लॉक की विधायक सह यूपीए सरकार की मंत्री अपर्णा सेनगुप्ता ने विधानसभा स्पीकर के पास लंबित दसवीं अनुसूची का मामला जोरदार ढंग से उठाया। सत्ता पक्ष में बैठने के बावजूद बेझिझक कहा कि यह राज्य के लिए गंभीर मामला है और हर हाल में लंबित मामलों पर कार्रवाई होनी चाहिए। जब तक इस मामले का निपटारा नहीं होगा, गड़बड़ी दूर नहीं होगी।ड्ढr सदन ने याद नहीं किया दिवंगत रमेश मुंडा कोड्ढr रांची। विधानसभा के विशेष सत्र में जदयू के दिवंगत विधायक रमेश सिंह मंडा को सदन ने याद तक नहीं किया। गत नौ जुलाई को उन्हें बुंडू में ही उग्रवादियों ने गोलियों से भून डाला था। सदन की परंपरा रही है कि पिछले सत्र से लेकर चालू सत्र के पहले दिन दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी जाती है। लेकिन एसा नहीं किया गया। जानकारी दी गयी कि महामहिम की ओर से विस को दी गयी कार्यसूची में सिर्फ एक ही बिजनेस दिया गया था। कोड़ा को कहीं का नहीं छोड़ा : नामधारी रांची। निर्दलीय विधायक इंदर सिंह नामधारी ने विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान यूपीए एवं निर्दलीय मंत्रियों पर खूब तीर छोड़े। कहा-यूपीए ने कोड़ा का राजनीतिक कैरियर बर्बाद करके रख दिया है। उन्हें कम उम्र में सीएम बनाकर कहीं का नहीं छोड़ा है। चंद्रबाबू नायडू को एक बार पीएम बनाया जा रहा था। उन्होंने यह कहते हुए पीएम बनने से इनकार कर दिया था कि अभी उनका राजनीतिक कैरियर बहुत लंबा है। सीएम शिबू सोरन को बधाई और पूर्व सीएम मधु कोड़ा को सांत्वना देते हुए नामधारी ने कहा : निर्दलीय मंत्री कोड़ा के साथ एकाुटता प्रदर्शित कर रहे थे। कह रहे थे, छह निर्दलीय मंत्री कोड़ा के साथ हैं। दरअसल निर्दलीय कोड़ा नहीं, उनकी कुर्सी के साथ थे। जब उन्हें लगा कि कुर्सी नहीं बचेगी तो एक-एक कर सभी शिबू के पक्ष में चले गये। निर्दलीयों से तंग आकर खुद कुर्सीड्ढr छोड़ेंगे गुरुाी : किशोररांची। जदयू विधायक राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता के लिए कांग्रेस मुख्य रूप से जिम्मेवार है। शिबू सोरन सीएम बनें, इस पर एनडीए को कोई आपत्ति नहीं हैं। आपत्ति है तो उनके मंत्रिपरिषद पर। उनकी और पिछली सरकार की मंत्रिपरिषद में कोई अंतर नहीं है। निर्दलीय मंत्रियों के आचरण के बार में बताने की कोई जरूरत नहीं है। यदि मंत्रियों में थोड़ी भी नैतिकता है तो उन्हें 23 महीने की उपलब्धियों से सदन को अवगत कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछली यूपीए सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। वह दिन दूर नहीं जब निर्दलीय मंत्रियों की कार्य संस्कृति से उबकर गुरुाी स्वयं कुर्सी छोड़ देंगे। नयी सरकार के समक्ष भ्रष्टाचार सबसे बड़ी चुनौती : प्रदीप बलमुचूरांची। कांग्रेस विधायक प्रदीप कुमार बलमुचू ने कहा कि नयी सरकार के समक्ष भ्रष्टाचार सबसे बड़ी चुनौती है। एनडीए को राज्य में भ्रष्टाचार की नींव डालने के लिए जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के कार्यकाल में ही यह जड़ जमा चुका था। भाजपा को निशाने पर लेते हुए बलमुचू ने कहा कि न्यूक्िलयर डील का सबसे अधिक झटका भाजपा को लगा है। इसके सांसद पैसे से बिक गये। बीच में सरयू राय के हस्तक्षेप करने पर बलमुचू ने कहा कि झारखंड में बाहरी व्यक्ित ही तो राज कर रहा है। कांग्रेस यह जानती थी कि न्यूक्िलयर डील से उसकी सरकार जा सकती है, फिर भी वह अपने निर्णय पर अडिग रही। राज्य में छह बार सरकार बनने के लिए उन्होंने एनडीए को दोषी ठहराया। कहा कि आज झारखंड अन्य नये राज्यों की तुलना में पीछे है तो इसके लिए एनडीए ही जिम्मेवार है। एनडीए जब शासन में था तो उसने कभी संविधान की दसवीं अनुसूची के लंबित मामले को नहीं उठाया। आज इसका राजनीतिक लाभ उठाना चाह रहा है। कप्तान बदला, परफॉमेर्ंस सुधरगा : सुधीररांची। मंत्री सुधीर महतो ने कहा कि नयी सरकार को गुरुाी के अनुभव का लाभ मिलेगा। नेतृत्व परिवर्तन को उचित ठहराते हुए उनका कहना था कि कप्तान बदलने से टीम का परफॉर्मेस सुधरता है। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का उदाहरण देते हुए महतो ने कहा कि उनकी कप्तानी से टीम का परफॉमेर्ंस काफी सुधर गया है। एनडीए को निशाने पर लेते हुए महतो ने कहा कि बाबूलाल मरांडी सीएम थे। आखिर किसी नीति के तहत उन्हें कुर्सी से बेदखल कर दिया गया। उन्होंने दावा किया कि शिबू सोरन के नेतृत्व में राज्य की नयी यूपीए सरकार अपना कार्यकाल पूरा करगी। यह भी दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में झारखंड से एनडीए का सुपड़ा साफ हो जायेगा। झारखंड को रसातल में ले जानाड्ढr चाहते हैं लालू : पीएन सिंहरांची। भाजपा विधायक पीएन सिंह ने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव झारखंड को रसातल में ले जाना चाहते हैं। बिहार की जनता ने उनकी नीतियों को खारिा कर दिया है। अब झारखंड की राजनीति कर रहे हैं। कल तक वह कहते थे कि झारखंड उनकी लाश पर बनेगा, आज वह झारखंड में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। सीएम शिबू सोरन पर कटाक्ष करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने लोटा, झोंटा और सोटा का नारा देकर जिस तरह सामाजिक विद्वेष फैलाया, उसे जनता भूली नहीं है। फिर भी जब वह सीएम बने हैं, तो सभी पर समान रूप से ध्यान देंगे, जनता यही अपेक्षा रखती है। कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इसके झारखंड प्रभारी बार-बार सरकार के खिलाफ बोलते रहे, दूसरी ओर सरकार का समर्थन जारी रखा। कांग्रेस की कथनी और करनी में बहुत फर्क है। श्री सिंह ने भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस-राजद को जिम्मेवार ठहराया। कहा कि शिबू सरकार में अभी से अंतरद्वंद्व दिखने लगा है। न्यूक्िलयर डील का पहला विस्फोटड्ढr कोड़ा पर : अजरुन मुंडारांची। प्रतिपक्ष के नेता अजरुन मुंडा ने मुख्यमंत्री शिबू सोरन द्वारा सदन में रखे गये विश्वास प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत करते हुए नयी सरकार के औचित्य पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि न्यूक्िलयर डील का पहला विस्फोट मधु कोड़ा पर हुआ। कोड़ा सरकार में शामिल दल उसकी कार्यशैली पर लगातार सवाल उठाते रहे और उसे ढोते भी रहे। एक तरफ सरकार को समर्थन देते रहे , दूसरी तरफ यह कहते रहे कि सरकार ठीक से काम नहीं कर रही है। अंतर्विरोध के बीच सरकार चलती रही और अब जो नयी सरकार बनी है, वह भी भिन्न नहीं है। मंत्रिपरिषद वही है, सिर्फ नेता का चेहरा बदल गया है। वर्तमान मंत्रिपरिषद के समक्ष भ्रष्टाचार कोई मुद्दा नहीं है।ड्ढr मुंडा ने कहा कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने के लिए भाजपा को सबसे पहले न्योता मिलना चाहिए था, लेकिन राज्यपाल ने स्थापित संसदीय परंपरा को ताक पर रख दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को निशाने पर लेते हुए कहा कि गुरुाी का जीवन संघर्षपूर्ण रहा है, लेकिन हास्यास्पद मंत्रिपरिषद का गठन कर वे खुद अपनी आलोचना करा रहे हैं। सबसे बड़े दल का मुखिया होने के बावजूद सीएम बनने के लिए छोटे नेताओं के हाथ जोड़ते फिर रहे थे। अच्छा होता कि नया जनादेश के लिए जनता के बीच जाते। एनडीए विधायकों का प्रदर्शन रांची। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले एनडीए के विधायकों ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। सदस्य हाथों में तख्तियां लिए हुए थे, जिनपर संविधान की दसवीं अनुसूची का पालन करो, दल-बदलुओं की सदस्यता समाप्त करो, भ्रष्ट मंत्रियों की सम्पत्ति की सीबीआइ जांच हो, शिबू की ताजपोशी का किस्सा-न्यूक्िलयर डील का हिस्सा आदि नार लिखे थे। प्रदर्शन करनेवालों में प्रतिपक्ष के नेता अजरुन मुंडा, भाजपा विधायक पीएन सिंह, सीपी सिंह, चंद्रेश उरांव, रघुवर दास, डा. दिनेश षाड़ंगी, लोकनाथ महतो, सरयू राय, छत्रुराम महतो तथा जदयू के राधाकृष्ण किशोर, खीरू महतो, कामेश्वर नाथ दास आदि शामिल थे।ड्ढr प्रतिपक्ष के नेता अजरुन मुंडा ने कहा कि दल-बदलुओं के बल पर सरकार बचाने की कोशिश हो रही है और स्पीकर उन्हें संरक्षण दे रहे हैं। यदि स्पीकर ने लंबित मामलों का निष्पादन शीघ्र नहीं किया तो भाजपा न्यायालय की शरण में जायेगी। दल-बदल मामले पर विपक्ष का हंगामा हिन्दुस्तान ब्यूरो रांची संविधान की दसवीं अनुसूची के लंबित मामलों को लेकर विपक्ष ने आधे घंटे तक सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक सरयू राय ने इस मामले को उठाया। स्पीकर आलमगीर आलम ने कहा कि यह मामला उनके कोर्ट में लंबित है, इसलिए इस पर सदन में चर्चा नहीं हो सकती। उन्होंने आरोपी विधायकों को नोटिस दिया है। जवाब के लिए 60 दिन का समय मांगा गया है। जवाब मिलने पर वह न्यायोचित कार्रवाई करंगे।स्पीकर के इस जवाब से विपक्ष के सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और वेल में आकर धरना पर बैठ गये। इसपर स्पीकर ने 11.10 बजे सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।ड्ढr सदन के कार्यवाही जब पुन: शुरू हुई तो विपक्ष के सदस्य फिर अपने सीट पर खड़े हो गये और स्पीकर से जवाब मांगने लगे। स्पीकर ने कहा कि विपक्ष की मांग पर ही उन्होंने दो विधायकों विष्णु भैया और मनोहर टेकरीवाल को वोटिंग राइट से वंचित किया है। संविधान की दसवीं अनुसूची के उल्लंघन के आरोपी सभी विधायकों को नोटिस दिया गया है। जवाब मिलने पर कार्रवाई करंगे।ड्ढr इससे पूर्व सरयू राय ने कहा कि दल-बदल के कई मामले दो वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं। इससे जनता के बीच गलत संदेश जा रहा है। राधाकृष्ण किशोर ने सवाल किया कि क्या विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद इस पर निर्णय लिया जायेगा।ड्ढr पीएन सिंह ने कहा कि जब सदस्यता के मामले पर अगले चुनाव तक फैसला होगा तो कानून बनाने से क्या लाभ। इस पर हस्तक्षेप करते हुए सत्ता पक्ष की ओर से कांग्रेस के सुखदेव भगत ने कहा कि यह स्पीकर के कोर्ट का मामला है, इसलिए इसपर सदन में चर्चा नहीं होनी चाहिए। मंत्री स्टीफन मरांडी, कांग्रेस विधायक प्रदीप कुमार बलमुचू ने भी मामले को सदन में उठाये जाने पर आपत्ति ं

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