फोटो गैलरी

Hindi News चाल धंसने से छह लोग दबे!

चाल धंसने से छह लोग दबे!

इसीएल मुगमा क्षेत्र अंतर्गत बंद पड़ी मोची कटिंग खदान (मंडमन एरिया) में अवैध खनन के दौरान शनिवार को चाल धंस गयी। फलस्वरूप कम से कम छह लोगों के दबने की आशंका है। दर्जनों जख्मी भी हुए, जिन्हें उनके...

 चाल धंसने से छह लोग दबे!
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
ऐप पर पढ़ें

इसीएल मुगमा क्षेत्र अंतर्गत बंद पड़ी मोची कटिंग खदान (मंडमन एरिया) में अवैध खनन के दौरान शनिवार को चाल धंस गयी। फलस्वरूप कम से कम छह लोगों के दबने की आशंका है। दर्जनों जख्मी भी हुए, जिन्हें उनके सहयोगी ले भागे। जिन मुहानों से मजदूर कोयला काटने अंदर गये, उन्हीं मुहानों के इर्द-गिर्द चप्पलें व टोकरी बिखरी पड़ी हैं। चाल धंसने के दौरान मोची कटिंग पहाड़ी जोरदार आवाज के साथ कई फुट नीचे जा बैठी, जिस कारण कई मुहाने बंद हो गये। आशंका है कि पहाड़ी की अंदरुनी भाग के धंसने के कारण अवैध खनन कर रहे मजदूर चपेट में आये। जिस समय यह घटना हुई, उस समय एक लड़का पहाड़ी के ऊपर बैठा हुआ था। वह भी भरभराती पहाड़ी की चपेट में आया। ग्रामीणों ने उस लड़के को किसी प्रकार बचाया।ड्ढr धरती का सीना चीरते दिखे दर्जनों मजदूरड्ढr मोची कटिंग में अवैध खनन के दौरान आधा दर्जन मजदूरों के दबने की खबर महा दो सौ मीटर दूर कापासारा में भी पहुंची, परंतु किसी के माथे में शिकन नहीं। सूचना उनके अपनों की थी। उनके साथ हर रो ट्रेन से मुगमा आने-ााने वाले थे। वे इन सब से अनजान वहां मजदूर बेधड़क अवैध खनन कर रहे थे। एक दम चकित कर देने वाला उदाहरण दिखा कापासारा में। मोची कटिंग, जहां कोयला काटने वाले अधिकांशत: जामताड़ा, नारायणपुर, मधुपुर और नाला क्षेत्र के हैं, के अपने ही गांव-गोतिया के लोग पास ही मौजूद कापासारा में भी अवैध ढ़ंग से कोयला तोड़ते हैं। मोची कटिंग में कोयला कटवाने वाला छद्म ठेकेदार दूसरा है और कापासारा में अन्य। मोची कटिंग हादसे के बाद हिंदुस्तान टीम ने कापासारा का भी जायजा लिया तो आंखें हैरत में फटी रह गयी। उसी प्रकार की चाल, मुहाने और कोयला निकालने का तरीका। कुछ घंटे पूर्व ही मोची कटिंग पहाड़ी बैठ गयी। यह सूचना यहां भी पहुंची, परंतु उनके हाथ नहीं थम नहीं रहे थे। उन्हें पता है कि भट्ठा मालिकों ने 17 सौ रुपये टन में कोयला खरीद की घोषणा कर रखी है। दुर्गा पूजा नजदीक है। भावना में बहने का बिलकुल समय नहीं है। अभी सीजन है। हाथ थमे तो जिंदगी थम जायेगी। एक मजदूर ने बताया भी-क्या करं बाबू, मोची कटिंग वाली खबर मिली है। हम भी अभी-अभी इस खदान से बाहर निकले हैं। खदान से बाहर निकलने पर लगता है कि मां की पेट से बाहर निकल आया हूं। जब जिंदगी जानी होगी, चली जायेगी। चाहे घर के अंदर रहूं या खदान में। इस आस में क्यों पूर परिवार की जिंदगी खराब करंगे? मेहनत कर रहे हैं। दो पैसे मिल जाते हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें