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5 शातिर कैश लुटेरे गिरफ्तार

राजधानी में पिछले दिनों एक दर्जन कैश लूट कांडों को अंजाम देकर फरार होने वाले पांच शातिर अपराधियों को बुद्धा कालोनी थाने की पुलिस ने रविवार की देर रात धर दबोचा। थाना क्षेत्र के उत्तरी मंदिरी में ये...

 5 शातिर कैश लुटेरे गिरफ्तार
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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राजधानी में पिछले दिनों एक दर्जन कैश लूट कांडों को अंजाम देकर फरार होने वाले पांच शातिर अपराधियों को बुद्धा कालोनी थाने की पुलिस ने रविवार की देर रात धर दबोचा। थाना क्षेत्र के उत्तरी मंदिरी में ये हथियारबंद अपराधी किसी आपराधिक घटना की योजना बनाने की नीयत से जमा हुए थे।ड्ढr इसी दौरान पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए बदमाशों विकास टंडन उर्फ छिब्बू , विजय महतो, विक्की कुमार (सभी उत्तरी मंदिरी), अभिनव कुमार उर्फ जौली (दरियापुर) व प्रमोद कुर्मी (पिपरा, पुनपुन) के पास से पुलिस ने एक देसी कट्टा, एक पिस्तौल, दो-दो .38 व 3.15 का जिन्दा कारतूस बरामद किया है।ड्ढr ड्ढr थानाध्यक्ष गौरीशंकर सिंह ने बताया कि पूछताछ के दौरान विकास, प्रमोद, जौली ने स्वीकार किया है कि पिछले दिनों इन लोगों ने श्रीकृष्णापुरी थाना इलाके से हाार, बुद्धा कालोनी थाना क्षेत्र से दस हाार व कोतवाली थाना क्षेत्र से 40 हाार कैश लूट की वारदातों को अंजाम दिया था। यही नहीं इसके साथ-साथ राजधानी के कई थाना इलाकों में लगभग एक दर्जन कैश लूट कांड को किया है।ड्ढr थानाध्यक्ष के अनुसार इन अपराधियों को विजय तथा विक्की हथियार सप्लाई किया करता था। ये अपराधी लूट की घटनाओं को करने के बाद मंदिरी में जमा होते थे तथा लूटे गए कैश का बंटवारा वहीं किया करते थे। वाहन चोर गिरोह का एक और सदस्य गिरफ्तारड्ढr पटना (हि.प्र.)। देश के अन्य राज्यों से चार पहिया वाहन चुरा कर राजधानी तथा आसपास इलाकों में बेचने वाले गिरोह के एक सदस्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। शास्त्रीनगर थाने की पुलिस ने हमीद को गुप्त सूचना के आधार पर अनिासाबाद स्थित एक गैरा से पकड़ लिया। वह मूल रूप से यूपी का रहने वाला है। इस धंधे में उसके एक और भाई आबिद को पुलिस सरगर्मी से तलाश रही है। इससे पूर्व भी पुलिस ने लगभग आधा दर्जन वाहन चोर गिरोह व वाहनों के सप्लायर को पकड़ा था। शास्त्रीनगर थानाध्यक्ष कामोद प्रसाद ने बताया कि हमीद कैरियर का काम करता है। चौंकाने वाली बात यह है कि इन लोगों का राजधानी में कोई स्थायी ठिकाना नहीं है। वे लोग शहर के अलग-अलग हिस्सों में रात गुजारते हैं ताकि पुलिस की गिरफ्त में न आ सकें।

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