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हाइकोर्ट के जज पर चलेगा महाभियोग

32 लाख रुपये की गड़बड़ी के आरोप में कोलकाता हाइकोर्ट के जज जस्टिस सौमित्र सेन के खिलाफ महाभियोजन (इंपीचमेंट) तय है। सरकार महाभियोग प्रस्ताव संसद के अक्तूबर सत्र में पेश कर सकती है। संभावना है कि...

 हाइकोर्ट के जज पर चलेगा महाभियोग
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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32 लाख रुपये की गड़बड़ी के आरोप में कोलकाता हाइकोर्ट के जज जस्टिस सौमित्र सेन के खिलाफ महाभियोजन (इंपीचमेंट) तय है। सरकार महाभियोग प्रस्ताव संसद के अक्तूबर सत्र में पेश कर सकती है। संभावना है कि प्रस्ताव राज्यसभा में लाया जायेगा क्योंकि 8 माह बाद लोकसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। न्यायिक इतिहास में यह पहला मौका है जब मुख्य न्यायाधीश ने किसी जज पर महाभियोग चलाने की सिफारिश की है। कानून में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। चीफ जस्टिस ने यह शक्ित 1में मुख्य न्यायाधीशों की कांफ्रेंस में अपनाये गये प्रस्तावों से ली है जिसमें ‘इनहाउस’ जांच कमेटी की रिपोर्ट पर ऐसी सिफारिश की जा सकती है। अन्यथा यह कार्रवाई जजेज इंक्वायरी एक्ट के तहत सांसदों की पहल पर होती है।ड्ढr जस्टिस सौमित्र सेन के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही करने के चीफ जस्टिस केाी बालाकृष्णन के पत्र पर विधि मंत्री हंसराज भारद्वाज ने बताया कि इस बार में अटार्नी जनरल की राय ली जा चुकी है। उन्होंने भी सेन के खिलाफ महाभियोग चलाने के पक्ष में राय दी है। न्यायपालिका में भ्रष्टाचार पर चिंता जताते हुए भारद्वाज ने कहा कि जजों को अपने संपत्ति की घोषणा करने के लिए चीफ जस्टिस पहले ही लिख चुके हैं। वैसे सरकार भी भ्रष्टाचार रोकने की कोशिश में है। वह चीफ जस्टिस के साथ संपर्क में हैं लेकिन फिर भी कार्रवाई न्यायपालिका को ही करनी है। भरद्वाज ने कहा कि यदि अब भी सेन इस्तीफा दे देते हैं तो उनके खिलाफ महाभियोग नहीं लाया जायेगा। हालांकि जस्टिस सेन को दो बार यह मौका दिया जा चुका है। एक बार चीफ जस्टिस ने उनसे इस्तीफे के लिए कहा तथा दूसरी बार कोलेजियम ने उनसे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने को कहा, लेकिन दोनों बार उन्होंने इंकार कर दिया। प्रख्यात न्यायविद फाली एस नारीमन ने बताया कि यह असाधारण प्रसन्नता की घड़ी है। चीफ जस्टिस की यह पहल साहसपूर्ण है। जस्टिस सेन के खिलाफ 32 लाख की गड़बड़ी का यह मामला 1ा है जब कोलकोता हाइकोर्ट ने उन्हें वकील के रूप में सेल के एक मुकदमे में रिसीवर नियुक्त किया। इसके बाद वह दिसंबर 2003 में हाइकोर्ट के जज बन गये।

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