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25 को डील पक्की!

भारत और अमेरिका के बीच असैन्य परमाणु डील इस महीने की 25 तारीख को पक्की होोाने की उम्मीद है। अमेरिकी राष्ट्रपतिोरा बुश ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 25 सितम्बर को व्हाइट हाउस आने का न्योता दिया है।...

 25 को डील पक्की!
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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भारत और अमेरिका के बीच असैन्य परमाणु डील इस महीने की 25 तारीख को पक्की होोाने की उम्मीद है। अमेरिकी राष्ट्रपतिोरा बुश ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 25 सितम्बर को व्हाइट हाउस आने का न्योता दिया है। अमेरिकी कांग्रेस का वर्तमान सत्र 26 सितम्बर को समाप्त हो रहा है। मनमोहन सिंह के व्हाइट हाउस पहुँचने तक करार पर कांग्रेस की मुहरोरूरी है। इसके लिए बुश प्रशासन की ओर से युद्धस्तर पर प्रयासोारी है। बुश ने 123 समझौते का मसौदा अमेरिकी कांग्रेस के पास ोकर आग्रह किया है कि करार कोोल्द सेोल्द मांूरी दीोाए।ड्ढr बुश प्रशासन का ध्यान इस समय केवल इस बात पर है कि ौसे भी हो पर 123 समझौता कांग्रेस के इसी सत्र में पारित होोाए। बुश प्रशासन प्रस्ताव पारित करने के लिए कम से कम 30 दिन के अनिवार्य सत्र के नियम को किनार कर आगे निकलोाना चाहता है। इस मकसद से गुरुवार को मसौदा कांग्रेस को ोोोाने के पहले कोंडोलेाा राइस ने वरिष्ठ डेमोकेट्र नेता हैरी रीड से मिलकर व्यक्ितगत रूप से उन्हें इस कदम के बार में बताया और आशाोताई कि वह इस मसले कोोल्द सेोल्द आगे बढ़ाने की कोशिश करंगे। इस बातचीत में रीड का रुख सकारात्मक था। हाइड एक्ट की शर्तो के अनुसार बुश ने बतौर राष्ट्रपति अपना संकल्प पत्र भी कांग्रेस को ो दिया हैोिससे करार को मांूरी मिलने में कोई अड़चन न आए। उन्होंने विदेश मंत्री व ऊरा मंत्री को भी एक पत्र ोा हैोिसमें भारत के साथ मिलकर परमाणु ऊरा का शांति कार्यो में इस्तेमाल करने का सुझाव है।ड्ढr इस बीच, व्हाइट हाउस की ओर से यह बयान भीोारी हुआ है कि वह समझौते का मसौदा कानून निर्माताओं को भी ो रहा है। व्हाइट हाउस नहीं चाहता कि कम समय का बहाना बनाकर करार को अटकायाोाए। करार की राह में कांग्रेस के पास समय की कमी रोड़ा बनी हुई है और इसे दूर करने के लिए बुश प्रशासन सभी पक्षों का समर्थन हासिल करने में लगा हुआ है।ड्ढr उधर नई दिल्ली में अमेरिका के राादूत डेविड मलफोर्ड ने कहा कि अगर भारत ने परमाणु परीक्षण किया तो अमेरिका सहयोग खत्म कर सकता है। उन्होंने कहा कि संप्रभु राष्ट्र होने के नाते भारत के पास बेशक परमाणु परीक्षण का अधिकार है, लेकिन ऐसा करने पर अमेरिकी कानून आड़े आ सकते हैं।ं

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