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पुनर्वास को नीतीश ने मांगे 9 हचाार करोड़

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ग्रस्त जिलों में पुनर्वास पैकेज के रूप में केन्द्र से 8रोड़ रुपये मांगे हैं। शुक्रवार की शाम प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से दिल्ली में मुलाकात करके मुख्यमंत्री ने...

 पुनर्वास को नीतीश ने मांगे 9 हचाार करोड़
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ग्रस्त जिलों में पुनर्वास पैकेज के रूप में केन्द्र से 8रोड़ रुपये मांगे हैं। शुक्रवार की शाम प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से दिल्ली में मुलाकात करके मुख्यमंत्री ने उन्हें पुनर्वास पैकेज का प्रारूप सौंपा। इसमें डेढ़ लाख रुपये प्रति मकान के हिसाब से क्षतिग्रस्त तीन लाख ग्रामीण घरों के लिए 4500 करोड़, कृषि भूमि को गादमुक्त करने के लिए प्रति हेक्टेयर 45 हजार रुपये के हिसाब से एकमुश्त 450 करोड़, किसानों को इनपुट सब्सिडी देने के लिए 50 करोड़ और चारा बैंक बनाने के लिए 5 करोड़ रुपये मांगे गये हैं। श्री कुमार ने राहत-बचाव कार्यो की जानकारी देते हुए डॉ. सिंह से नेपाली प्रधानमंत्री प्रचंड की भारत यात्रा के दौरान कोसी मसले पर बातचीत का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री से बातचीत के दौरान गत वर्ष की बाढ़ से संबंधित राहत-पुनर्वास पैकेज की राशि अबतक नहीं मिलने का मामला उठाते हुए श्री कुमार ने कहा कि गत वर्ष 12 अगस्त और 4 अक्तूबर को बिहार में बाढ़ की समस्या के स्थाई निदान के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन ‘बाढ़ निरोधक रणनीति समूह’ बनाने, नेपाल सरकार से बातचीत करने और नेपाल स्थित बांध की ऊंचाई बढ़ाने की मांग की गयी थी। उसपर कार्रवाई होनी चाहिए। पूर्वी एपलक्स बांध की मजबूती और कटाव बन्द करने के लिए 743 करोड़ रुपये और बाढ़ से क्षतिग्रस्त नहर प्रणाली को दोबारा दुरुस्त करने के लिए 426.5 करोड़ रुपये मांगे गये हैं। श्री कुमार ने कहा कि कुसहा तटबंध पर कटाव और नदी की धारा बदल जाने से सड़क, पुल-पुलिया, सरकारी भवन और मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।ड्ढr ड्ढr निर्माण सामग्री की बढ़ी हुई कीमत के मद्देनजर प्रति मकान डेढ़ लाख रुपये मिलना चाहिए। कोसी क्षेत्र में इंदिरा आवासों की राशि भी इसी तर्ज पर बढ़ाई जाए। शहरी क्षेत्र के मकानों के लिए भी 400 करोड़ रुपये मांगे गये हैं। पैकेज में प्राइमरी स्कूलों के लिए 12रोड़ रुपये, सेकेण्डरी स्कूलों के लिए 26.25 करोड़ और कॉलेज भवनों के पुनर्निर्माण के लिए 8.5 करोड़ रुपये, क्षतिग्रस्त ग्रामीण सड़कों के पुनर्निर्माण के लिए 1000 करोड़ रुपये, एनएच के 153.1रोड़ और एसएच के लिए 152.5 करोड़ रुपये, किसानों को बीज देने के लिए 215.14 करोड़, सिंचाई व्यवस्था के लिए 1208.5 करोड़, स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 48.78 करोड़, खाद्यान्न के लिए 155.71 करोड़, पेयजल-स्वच्छता के लिए 64.18 करोड़ और सरकारी कार्यालयों के पुनर्निर्माण के लिए 38.10 करोड़ रुपये मांगे गये हैं।ं

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