फोटो गैलरी

Hindi News लोस अध्यक्ष के आईने में चेहरा देखें स्पीकर : विपक्ष

लोस अध्यक्ष के आईने में चेहरा देखें स्पीकर : विपक्ष

झारखंड विधानसभा में दो साल से लंबित दल- बदल के मामलों पर फिर से बहस की गुंजाइश खड़ी हो गयी है। लोकसभा की विशेषाधिकार समिति द्वारा दो सांसदों की सदस्यता खत्म करने के निर्णय और पार्टी व्हिप का उल्लंघन...

 लोस अध्यक्ष के आईने में चेहरा देखें स्पीकर : विपक्ष
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
ऐप पर पढ़ें

झारखंड विधानसभा में दो साल से लंबित दल- बदल के मामलों पर फिर से बहस की गुंजाइश खड़ी हो गयी है। लोकसभा की विशेषाधिकार समिति द्वारा दो सांसदों की सदस्यता खत्म करने के निर्णय और पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने वाले लोकसभा के 24 सांसदों की सदस्यता पर लटकती तलवार ने झारखंड के मुद्दे को फिर धार दे दी है। पहले से ही इस मामले पर मुखर विपक्ष ने स्पीकर को फिर से निशाने पर लिया है। इंदर सिंह नामधारी, सरयू राय समेत कई सदस्यों ने कहा है कि 1सितंबर से शुरू हो रहे विस के सत्र में यह मुद्दा छाया रहेगा। सरयू राय कहते हैं, लोस अध्यक्ष के आईने में अपनी तसवीर देख लें झारखंड के स्पीकर।ड्ढr स्पीकर सबक लें, रो मौका नहीं आता: नामधारीड्ढr इंदर सिंह नामधारी का कहना है कि झारखंड के स्पीकर को सबक लेने की जरूरत है। छवि बनाने का रो- रो मौका नहीं आता। दल- बदल को मामलों को लटकाकर स्पीकर क्या बताना-दिखाना चाहते हैं। लोस अध्यक्ष सोमनाथ चटर्ाी ने कई मौकों पर स्पष्ट फैसला सुनाया है। महा डेढ़ महीने में इतनी बड़ी तादाद में सांसदों की सदस्यता खत्म करने का मामला अनूठा है। लेकिन में स्पीकर अपनी जिद्द पर अड़े हैं। विस के सत्र में विपक्ष का यही मुख्य मुद्दा होगा। स्पीकर को जवाब देना ही होगा।ड्ढr संविधान का खयाल कीािये: सरयू रायड्ढr भाजपा विधायक सरयू राय इस मामले में और भी सख्त हैं। कहते हैं: लोस अध्यक्ष ने जो फैसला दिया है, उसमें अपनी छवि देख लें झारखंड के स्पीकर। निर्णय भी नजीर बनता है। लेकिन यहां तो संविधान के साथ खिलवाड़ हो रहा है। यह ठीक है कि स्पीकर को फैसला लेने का अधिकार है, लेकिन न्यायालय में भी परंपरा का निर्वहन होता है। विस सत्र में यह मामला फिर उठायेंगे। सांसदों के मामले में फैसला आने के बाद यहां के मामलों में समीक्षा होनी चाहिए। राय के मुताबिक पूरा देश देख रहा है कि विस में लंबित मामलों को किस तरह से लटकाया गया है।ड्ढr कब फैसला लेंगे, यह तो बताना ही होगा: किशोरड्ढr जदयू विधायक राधाकृष्ण किशोर का कहना है कि स्पीकर को लोस में की गयी कार्रवाई से सबक लें। यह विधायी कार्यो और संवैधानिक मूल्यों का तकाजा भी है। विस सत्र में जोरदार ढंग से यह मामला उठेगा। दो साल से मामलों को लटका कर रखने के कारणों तथा कार्रवाई पर जवाब देना ही होगा। यह ठीक है कि फैसलालेने का अधिकार स्पीकर को है, लेकिन कब तक फैसला लेंगे। यहां सरकार को बचाने के लिए ही स्पीकर ने मामलों को लटका कर रखा है। लोकसभा में हुई कार्रवाई का ख्याल करं।ड्ढr स्पीकर का दस दिन कभी खत्म नहीं होता: सीपी सिंहड्ढr भाजपा के मुख्य सचेतक सीपी सिंह का कहना है कि स्पीकर की निष्पक्षता की बात बेमानी है। स्पीकर की कुर्सी क्या होती है, उन्हें लोकसभा से जानना चाहिए। लेकिन यहां तो स्पीकर कांग्रेस के इशार पर ही कोई कदम उठायेंगे। अब विस सत्र में जवाब देने के लिए तैयार रहें। स्पीकर का दस दिन कभी खत्म नहीं होता। अब कह रहे हैं कि दुर्गापूजा के बाद कार्रवाई करंगे। साफ कह दें कि सरकार के कार्यकाल तक इस मामले को दबाये रखेंगे। विधायक के मुताबिक स्पीकर ने अपनी छवि को खुद ही कठघर में खड़ा कर दिया है।ं

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें