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शहीद को सलाम

उत्तराखंड के अलमोड़ा जिले के आदिग्राम कनूड़िया, विकासखंड चौखुटियाड्ढr निवासी थे।ड्ढr 26 जून 1दिल्ली पुलिस में एसआई के पद पर भर्तीड्ढr शिक्षा- बी.ए पासड्ढr 1आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर इंस्पेक्टर...

 शहीद को सलाम
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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उत्तराखंड के अलमोड़ा जिले के आदिग्राम कनूड़िया, विकासखंड चौखुटियाड्ढr निवासी थे।ड्ढr 26 जून 1दिल्ली पुलिस में एसआई के पद पर भर्तीड्ढr शिक्षा- बी.ए पासड्ढr 1आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर इंस्पेक्टर बनाया गयाड्ढr 35 आतंकी मार 80 को किया गिरफ्तारड्ढr 40 गैंगस्टर मार 120 को किया गिरफ्तारड्ढr 150 बार किये गये सम्मानितड्ढr 6 गैलेंटरी मेडर से सम्मानित (दो राष्ट्रपति पुलिस मेडलड्ढr भी शामिल)बेटे को नहीं, वतन कोड्ढr खून दे गये शर्मा मोहन चंद शर्मा अपने बेटे को खून नहीं दे पाये। उनका खून वतन के काम आया। जामिया नगर में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए स्पेशल सेल के जांबाज इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा का 13 वर्षीय बेटा डेंगू की चपेट में है। शर्मा ने तय किया था अगर जरूरत पड़ी तो वह स्वयं अपना खून देंगे। पर नियती को कुछ और ही मंजूर था। जिस वक्त घायल इंस्पेक्टर को ऑपरशन के दौरान खून की जरूरत थी उसी समय उनके बेटे को भी खून चढ़ाया जाना था। दोनों के लिए ओ पॉजिटिव खून चाहिए था। पिता के लिए जहां अस्पताल में खून देने वालों का तांता लगा था, वहीं अन्य परिान उनके बेटे की मदद के लिए पहुंचे हुए थे। शहीद हुए इस इंस्पेटर का बेटा पिछले चार दिनों से डेंगू की चपेट में है। बेटे को देखने और उसे खून देने के लिए शर्मा को शुक्रवार को अस्पताल जाना था। लेकिन बेटे को भी नहीं पता था कि अब वह अपने पिता को कभी देख नहीं सकेगा।ड्ढr आतंकियों की गोली से बुरी तरह जख्मी हुए शर्मा को होली फैमिली अस्पताल में दाखिल कराया गया था। शाम सात बजे उनकी मौत हो गई। दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद से वह जांच में जुटे हुए थे। इसी दौरान उनका बेटा बीमार हो गया, लेकिन उन्हें अपने बेटे की देखभाल का बिलकुल समय नहीं मिल पा रहा था।

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