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गया मेंनक्सलियों ने 5 टावर उड़ाए

प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के हथियारबंद दस्ते ने सूचना तंत्र को ध्वस्त करने के इरादे से गया में चार और पलामू (झारखंड) में एक मोबाइल टावर को विस्फोट कर उड़ा दिया। गया के डुमरिया व...

 गया मेंनक्सलियों ने 5 टावर उड़ाए
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के हथियारबंद दस्ते ने सूचना तंत्र को ध्वस्त करने के इरादे से गया में चार और पलामू (झारखंड) में एक मोबाइल टावर को विस्फोट कर उड़ा दिया। गया के डुमरिया व बांकेबाजार प्रखंडों में शनिवार की रात एक सरकारी मोबाइल टावर व तीन निजी टावरों को निशाना बनाया गया। माओवादियों की इस कार्रवाई से शेरघाटी अनुमंडल के करीब बीस हजार सेलफोन ठप पड़ गए। सूचना तंत्र को ध्वस्त करने के लिए माओवादियों ने टावर उड़ाने की कार्रवाई की है। इसकी पुष्टि गया के एसपी आर मल्लार विजी ने की है।ड्ढr ड्ढr उधर माओवादियों ने पलामू के तिसीबार गांव में हमला कर रिलायंस मोबाइल के एक टावर को जला कर क्षतिग्रस्त कर दिया। दूसरी ओर एडीाी (मुख्यालय) अनिल सिन्हा ने कहा कि पुलिस मुख्यालय को इस बार में कोई सूचना नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक मध्यरात्रि में एक घंटे के भीतर नक्सलियों ने डुमरिया व बांकेबाजार प्रखंडों में चार मोबाइल टावरों पर धावा बोला और सभी को क्षतिग्रस्त कर दिया। शेरघाटी के डीएसपी बलिराम कुमार चौधरी ने बताया कि घटनास्थल पर नक्सलियों ने पर्चे भी छोड़े हैं, जिसमें सूचना तंत्र को ध्वस्त करने की तहरीर है। डुमरिया के मंझौला में एक निजी कंपनी के टावर व जेनरेटर को जला दिया गया तथा गार्ड रूम को विस्फोट कर उड़ा दिया गया। डुमरिया के मैगरा में एक सरकारी टावर के जेनरेटर को जला दिया गया। बांकेबाजार थाने के बिशनपुर में निजी कंपनी के टावर के जेनरेटर को जला दिया गया। इसी थाने के चौगाई में स्थित एक निजी कंपनी के टावर के जेनरेटर को विस्फोट कर उड़ा दिया गया।ड्ढr ड्ढr मालूम हो कि इसके पूर्व रिवाल्यूशनरी कम्युनिस्ट केन्द्र ने गुरुआ ,गुरारू व कोंच में सेलफोन के टावरों को आग लगाकर क्षतिग्रस्त कर दिया था। नक्सलियों ने कारू और पोखरी में बीएसएनएल के टावर के निर्माण पर भी रोक लगा दी थी। नक्सलियों की इस गतिविधि से जिले में स्थित मोबाइल टावरों पर खतरा बढ़ गया है। घटना के बाद इमामगंज क्षेत्र में सघन छापेमारी अभियान चलाया गया है, लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। मोबाइल सेवा प्रदान करने वाली निजी कंपनियों ने इस बाबत अभी कोई प्रतिक्रिया तो नहीं दी है, लेकिन माना जा रहा है कि उनमें भय व्याप्त है।

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