उल्फा व हुचाी की ओरच शक
असम में सीरियल बम धमाकों पर उत्पन्न हालात पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार देर रात तक कै बिनेट बैठक में उच्चस्तरीय समीक्षा की। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम के नारायणन के अलावा खुफिया...
असम में सीरियल बम धमाकों पर उत्पन्न हालात पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार देर रात तक कै बिनेट बैठक में उच्चस्तरीय समीक्षा की। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम के नारायणन के अलावा खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों ने शिरकत की। बैठक में गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने असम से प्राप्त इनपुट के आधार पर केंद्रीय मंत्रियों को अवगत कराया। केबिनेट की बैठके बाद आर्थिक मामलों की केबिनेट कमेटी की बैठक भी हुई। फैसलों के बार में औपचारिक तौर पर कुछ भी नहीं बताया गया लेकिन सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार सुबह तक असम सरकार से पूरी रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही सरकार हालात पर अपनी टिप्पणी देगी। खुफिया सूत्रों का आकलन है धमाकों में असम व पूवरेत्तर में सक्रिय स्थानीय आंतकी गुटों का हाथ है। उल्फा ने इन धमाकों में हाथ होने से इनकार किया है लेकिन खुफिया सूत्र उल्फा की संलिप्तता से इनकार नहीं कर रहे। धमाकों की तीव्रता और क्षमताओं को देखते हुए हूाी जसे आंतकी गुटों और उल्फा के बीच मिलीभगत से भी इन धमाकों को अंजाम दिया गया होगा। गृहसचिव मधुकर गुप्ता ने बताया कि असम के हालात का मौके पर जायजा लेने के लिए जल्द ही केंद्रीय टीम भेजने का फैसला हुआ है। जिन स्थानों पर धमाके हुए हैं, वहां एनएसजी की टीमें भेजकर जांच पड़ताल की जाएगी। उन्होनें बताया कि धमाकों की प्रकृ ति के बार में स्थानीय टीमें जांच कर रही हैं। राज्य सरकार की मांग पर कुछ और केंद्रीय सुरक्षा बलो की तैनाती के बार में भी केंद्र कदम उठा रहा है। उधर, भारतीय जनता पार्टी ने असम में श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों की निन्ंदा करते हुये कहा कि केंद्र की यूपीए द्वारा आतंकवाद और बंगलादेशी घुसपैठ को रोकने के लिए कोई कदम नही उठाए जाने के कारण देश मे अराजकता का माहौल बन गया गया है। पार्टी के पीएम इन वेटिंग लाल कृष्ण आडवाणी ने विस्फोटों की कडी निंदा करते हुए आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार की अक्षमता से ऐसा हो रहा है। आडवाणी असम के हालात का जायजा लेने शुक्रवार को वहां जायेंगे। आडवाणी ने कहा कि देश में लगातार हो रही ऐसी घटनाओं से यूपीए सरकार के अक्षम होने का सबूत मिलता है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार लोगों को सुरक्षा प्रदान करने और अपराधों की रोकथाम करने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि बंगलादेश से हो रही घुसपैठ को रोकने के प्रयास नही किए जा रहे हैं। देश में कई जगह हुए विस्फोटों के पीछे घुसपैठियों और उनके आकाओं का हाथ पाया गया है और असम के विस्फोटों में भी इन्ही तत्वों की भूमिका हो सकती है। भाजपा के इस बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी से बम धमाकों की जांच एजेंसी की तरह बयान देना बंद करने को कहा है। असम में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बार में गुरुवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी की तात्कालिक प्रतिक्रिया को आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि आश्चर्यजनक है कि तीन हाार किमी दूर हुए बम धमाकों और उसके लिए जिम्मेदार संगठनों के बार में भाजपा के लोगों को घंटे भर में ही पता चल जाता है। गौरतलब है कि श्री आडवाणी ने असम में हुए बम धमाकों के कुछ ही देर बाद अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि इसके पीछे जिहादी संगठन हरकत उल जिहादी इस्लामी का हाथ है। इसी तरह दिल्ली में हुए बम विस्फोटों के तुरंत बाद ही बंगलुरु में हो रही भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के दौरान पार्टी की सार्वजनिक रैली में श्री आडवाणी ने इसी तरह की भविष्यवाणी की थी।