फोटो गैलरी

Hindi News सरैया में मिला प्राचीन जांता

सरैया में मिला प्राचीन जांता

सरैया प्रखंड के रतनपुरा गांव में गुरुवार को एक खेत में हल से जुताई के दौरान पुरातात्विक महत्व के जांता मिला है। इसे देखने के लिए वहां लोगों की भीड़ उमड़ रही है। लोग इसे बौद्धकालीन समझ रहे हैं। इसकी...

 सरैया में मिला प्राचीन जांता
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
ऐप पर पढ़ें

सरैया प्रखंड के रतनपुरा गांव में गुरुवार को एक खेत में हल से जुताई के दौरान पुरातात्विक महत्व के जांता मिला है। इसे देखने के लिए वहां लोगों की भीड़ उमड़ रही है। लोग इसे बौद्धकालीन समझ रहे हैं। इसकी पुष्टि करते हुए प्रभारी बीडीओ बीएओ सुशील कुमार ने बताया कि जुताई में मिले पौराणिक जांते की जांच के लिए पुरातात्विक विभाग और जिलाधिकारी को लिखा जाएगा।ड्ढr ड्ढr जानकारी के अनुसार रतनपुरा निवासी किसान योगेन्द्र ठाकुर के खेत में गुरुवार को पवन साह हल जोत रहा था। इसी दौरान उसे मिट्टी में गड़ा हुआ पत्थर दिखाई दिया। जब उसे खोद कर निकाला गया तो जांता मिला। ग्रामीणों ने बताया कि वर्षो पूर्व गांव से होकर जब नहर खोदे जा रहे थे तब खुदाई के दौरान अनेक कुएं व दुर्लभ सामान मिले थे। इनमें कुछ सामान प्राचीन कलाकृति के भी हैं जो मिट्टी से दबे हुए हैं। इन्हें आज भी देखा जा सकता है।ड्ढr ड्ढr ज्ञात हो कि प्राचीन वैशाली के 7707 नगर थे। उनमें से एक रत्नागढ़ भी था। पहले नहर खुदाई के दौरान और अब खेत की जुताई के दौरान मिली वस्तुओं के आधार पर जानकार लोग रतनपुरा को रत्नागढ़ से जोड़कर देखने लगे हैं। प्राप्त अवशेष को फिलहाल अपने पास सुरक्षित रख रहे लोगों ने जिलाधिकारी से जुताई में मिले सामान की पुरातात्विक विभाग से जांच कराने की मांग की है ताकि रत्नागढ़ के छिपे रहस्यों से भी परदा उठ सके। पश्चिमी कोसी नहर परियोजना पर लगा ग्रहणड्ढr मधुबनी (न.प्र.)। कुसहा में कोसी तटबंध के टूटने से खजौली प्रखंड के सुक्की गांव में करीब सौ करोड़ की लागत से निर्मित कमला साइफन में पानी बंद हो गया है। इससे निर्माणाधीन पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के चालू होने में संकट उत्पन्न हो गया है। सभी शाखा नहरों में फिलहाल पानी आने की कोई संभावना भी नजर नहीं आ रही है। इससे जिले के किसान अभी से रबी फसल उत्पादन को लेकर चिंतित हैं। 51 पाया वाले कमला साइफन की सरंचना ऐसी बनायी गयी है कि अंदर से कोसी नहर का पानी गुजरगा, ऊपर से कमला नदी का तथा उसके ऊपर रोड है। कमला नदी में साइफन पर पानी का बहाव 718 मीटर में है, किन्तु वीरपुर बराज से पानी नहीं आने के कारण पश्चिमी कोसी नहर की सभी शाखाएं सूख गयी हैं। किसानों को रबी फसल की सिंचाई के लिए भी इस बार निजी नलकूपों पर आश्रित होना पड़ेगा। पश्चिमी कोसी नहर परियोजना से जुड़े एक इांीनियर ने गुरुवार को बताया कि जब तक कुसहा में कोसी तटबंध को बांधा नहीं जाता मधुबनी जिले में कमला साइफन होकर पश्चिमी कोसी नहर में पानी आना मुश्किल है। सनद रहे कि पिछले माह जल संसाधन विभाग द्वारा कमला साइफन के उद्घाटन की तिथि भी मुकर्रर की गयी, लेकिन कोसी की प्रलयंकारी बाढ़ के कारण कार्यक्रम रोक दिया गया।ं

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें