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99 के फेर में फंसे ‘संकट मोचक’ रचात

‘संकट मोचक’ रात भाटिया शतक बनाने से महा एक रन से चूक गए, फिर भी वह निराश नहीं खुश हैं। क्योंकि उन्होंने रन की जो जिम्मेदारी भरी पारी खेली उससे दिल्ली ने पहली पारी में 43 रन की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल...

 99 के फेर में फंसे ‘संकट मोचक’ रचात
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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‘संकट मोचक’ रात भाटिया शतक बनाने से महा एक रन से चूक गए, फिर भी वह निराश नहीं खुश हैं। क्योंकि उन्होंने रन की जो जिम्मेदारी भरी पारी खेली उससे दिल्ली ने पहली पारी में 43 रन की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल कर ली हैं। लेकिन पंजाब के कप्तान पंका धरमानी जो चूक की उसकी टीस पूरी टीम महसूस कर रही है। धरमानी ने विकेट कीपर बल्लेबाज पुनीत बिष्ट का कैच उस समय छोड़ा जब वह रन पर थे और दिल्ली टीम 274 रन पर पांच विकेट गंवा संकट में थी। वैसे तो क्रिकेट में अगर-मगर के लिए कोई जगह नहीं होती, लेकिन चूंकि बिष्ट मेजबान टीम के अंतिम स्थापित बल्लेबाज थे तो इसके देखते हुए वह कैच दिल्ली टीम के पैर उखाड़ सकता था। जीवनदान का फायदा उठा बिष्ट और भाटिया ने अर्धशतक ठोकते हुए छठे विकेट के लए 150 रन की साझेदारी निभा न केवल दिल्ली को संकट से उबारा बल्कि बढ़त भी दिला दी। रणजी ट्रॉफी सुपर लीग के ग्रुप ए में पंजाब के पहली पारी में 3रनों के जवाब में दिल्ली ने बुधवार को तीसर दिन 8 विकेट पर 434 रन बना लिए। चार दिवसीय मैच का कल अंतिम दिन है। मैच में नतीजे की संभावना पर दिल्ली के कोच विजय दहिया ने कहा, ‘इस पिच पर रिाल्ट निकलना मुश्किल है।’ भाटिया ने 168 गेंदों पर 14 चौकों की मदद से और बिष्ट ने 144 गेंदों पर 10 चौकों और एक पांच रन की बदौलत 76 रन ठोक खुद को टीम से बाहर होने के खतर से बाहर निकालने वाला काम भी कर दिया है। भाटिया की खासियत ही यही है कि वह संकट के समय घबराते नहीं बल्कि विपक्षी गेंदबाजों के हौसले पस्त कर देते हैं। आज भी उन्होंने ऐसा ही किया, यह अलग बात है कि एक सही गेंद का इंतजार करने के फेर में वह शतक पूरा नहीं कर सके। भाटिया जब 88 रन पर थे तो चौका जड़ पर पहुंचे और फिर अगले सात रने जोड़नें में उन्होंने 24 गेंदें खेल खुाद पर दबाव बना लिया था। उन्हें े फेर में फंसा देख गेंद लेग स्पिनर सरबजीत लाडा को दी गई और उन्होंने भटिया को तेजी पर चौंका एलबीडब्ल्यू कर दिया। भाटिया भारी कदमों से लौटे लेकिन अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी से वह टीम को बढ़त दिला चुके थे। दूसरी नई गेंद पर भी वह सहाता से खेलते रहे थे। रोशनारा क्लब मैदान की डेड पिच पर सुबह का सत्र पूरी तरह से पंजाब के तेज गेंदबाजों के नाम रहा। मनप्रीत गोनी, गगनदीप और सिद्धार्थ कौल ने एकदम से हौआ बनाया और शुरुआती पांच विकेट आपस में बांट दिल्ली के ‘टेंट’ में बड़ा डेंट लगा दिया था। महा 17 रन के अंदर दिल्ली के चार विकेट गिरने से खलबली मच गई थी। तब पूर्व कप्तान मिथुन मन्हास और भाटिया के बीच पांचवें विकेट के लिए 73 रन की साझेदारी ने दिल्ली को कुछ राहत दी। मन्हास ने आक्रामक रुख अपनाया और 48 गेंदों पर 10 चौकों और एक छक्के से 58 रन बना गेंदबाजों का हौआ कुछ कम किया। दिल्ली ने कल के बिना विकेट गंवाए 142 रन से आगे पारी को बढ़ाया लेकिन लंच से पहले ही उसके पांच बल्लेबाज 245 रन पर अपने टेंट में लौट चुके थे। गौतम गंभीर की जगह एम विजय का चयन भारतीय टीम में होने से निराश आकाश चोपड़ा कल के अपने स्कोर में दो चौकों से रन जोड़ 121 गेंदों पर 12 चौकों की मदद से 76 रन बना दिन के तीसर ओवर में मनप्रीत गोनी की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हो गए। शिखर धवन ने 8 रन और जोड॥कर 103 गेंदों पर चौकों से 72 रन बनाकर स्लिप में धरमानी को कैच देकर गगनदी का शिकार बने। विराट कोहली को टिकने से पहले सिद्धार्थ कौल ने दृसरी स्लिप में युवराज के हाथों लपकवा दिया। वह 32 गेंदों में 6 रन ही बना सके। आदित्य जन ने एक रन ही बनाया था कि गगनदीप ने उन्हें धरमानी को स्लिप में कैच देने पर मजबूर कर दिया। मिथुन को सिद्धार्थ कौल ने एलबीडब्ल्यू किया। चाय के बाद भटिया के आउट होने पर आए प्रदीप सांगवान ने पुल और कट से 3 चौके और एक छक्का ठोक 51 गेंदों में 27 रन बनाए, तभी बिष्ट की एकाग्रता टूटी और युवराज की गेंद को कट कर स्लिप में रवि इंदर को कैच दे गए। अगली गेंद पर नंदा के साथ गलतफहमी के चलते सिद्धार्थ कौल की सीधी थ्रो पर सांगवान रन आउट हुए। इस बीच आशीष नेहरा पैड भी नहीं पहन पाए थे। फील्डरों को उनके आने का कुछ मिनटों तक इंतजार करना पड़ा।

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