सरकार एयर इंडिया में करेगी 30,000 करोड़ का निवेश
नकदी के संकट से जूझ रही एयर इंडिया को प्रोत्साहन प्रदान करते हुए सरकार ने उसे अगले नौ साल में और 30,000 करोड़ रुपए की शेयर पूंजी देने और इसके बेड़े में 27 बोइंग 787 ड्रीमलाईनर जोड़ने के साथ इस सरकारी...
नकदी के संकट से जूझ रही एयर इंडिया को प्रोत्साहन प्रदान करते हुए सरकार ने उसे अगले नौ साल में और 30,000 करोड़ रुपए की शेयर पूंजी देने और इसके बेड़े में 27 बोइंग 787 ड्रीमलाईनर जोड़ने के साथ इस सरकारी एयरलाइन के कायाकल्प के लिए विशाल पैकेज की घोषणा की।
इसके साथ ही सरकार ने एयर इंडिया की एमआरओ (रख-रखाव, मरम्मत और ओवरहॉल) कारोबार और उसकी इंजीनियरिंग सेवाओ को अलग कर उसके पूर्ण स्वामित्व में दो अलग सहयोगी कंपनियां बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।
एयर इंडिया के कुल 28,000 कर्मचारियों में से 19,000 कर्मचारियों को इन दो नयी इकाइयों में खपाया जाएगा। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के फैसलों की घोषणा करते हुए नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि मंजूर कायाकल्प योजना और वित्तीय पुनर्गठन योजना के तहत विमानन कंपनी को शुरू में 6,750 करोड़ रुपए की शेयर पूंजी दी जाएगी।
विमानन कंपनी को वित्तीय संस्थानों, बैंक, एलआईसी और ईपीएफओ जैसे ऋणदाताओं को 7,400 करोड़ रुपए सरकारी गारंटी वाले गैर परिवर्तनीय डिबेंचर जारी करने की भी मंजूरी दी गई।
एयर इंडिया पर कुल 67,520 करोड़ रुपए का ऋण और बकाया है जिसमें 21200 करोड़ रुपए का ऋण रोज के काम काज के लिए, 22,000 करोड़ रुपए का ऋण विमान खरीद के लिए दीर्घकालिक ऋण है तथा 4,600 करोड़ रुपए सामान आपूर्ति करने वालों का बकाया है। इसके अलावा कंपनी का संचित घाटा 20,320 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।