युवी की सफलता के पीछे सचिन की प्रेरणा
आप तब चमकोगे जब सबसे ज्यादा मायने रखेगा। ये शब्द सचिन तेंदुलकर ने पिछले साल विश्व कप से पहले युवराज सिंह से कहे थे और इस स्टार आलराउंडर ने इनसे प्रेरणा लेकर भारत को यह खिताब दिलाने में अहम भूमिका...
आप तब चमकोगे जब सबसे ज्यादा मायने रखेगा। ये शब्द सचिन तेंदुलकर ने पिछले साल विश्व कप से पहले युवराज सिंह से कहे थे और इस स्टार आलराउंडर ने इनसे प्रेरणा लेकर भारत को यह खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
भारत की विश्व कप में जीत के एक साल पूरा होने के अवसर पर युवराज, जो कि कैंसर से उबर रहे हैं, ने खुलासा किया कि तेंदुलकर ने पिछले साल उनके मैन ऑफ द टूर्नामेंट वाले प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाई थी। युवराज ने कहा कि विश्व कप से पहले वह अच्छी फार्म में नहीं थे लेकिन तेंदुलकर और तेज गेंदबाज जहीर खान के साथ बातचीत के बाद इस क्रिकेट महाकुंभ में कुछ खास करने के लिए उनका हौसला बढ़ा।
युवराज के टि्वटर पेज पर विश्व कप के एक साल पूरे होने पर उनका इंटरव्यू पोस्ट किया गया है। इसमें उन्होंने कहा कि मैं इससे बेहतर की उम्मीद नहीं कर सकता था। मैंने विश्व कप में खेलने या उसमें जैसा प्रदर्शन किया उसकी उम्मीद नहीं की थी। मैं अच्छी फार्म में नहीं चल रहा था और मैं उस तरह से शॉट नहीं लगा पा रहा था जैसे लगाना चाहता था।
उन्होंने कहा कि मैंने अपने कठिन दौर में सचिन से अपनी बल्लेबाजी, फार्म और फिटनेस को लेकर बात की और उन्होंने कहा कि आप तब चमकोगे जब सबसे ज्यादा मायने रखेगा। यह बहुत खास बात थी।
युवराज ने कहा कि मुझे याद है कि मेरे पास एक फोटो था जिसमें मैं तेंदुलकर के साथ था। मैं उसे अपने पास रखता था। मैं बल्लेबाजी करने से पहले उस फोटो को देखता था। वह मेरे प्रेरणास्रोत हैं।
उन्होंने कहा कि जहीर खान ने भी विश्व कप से पहले बांग्लादेश में मुझसे विश्व कप में कुछ खास करने के लिए कहा था। उस समय मैं कलाई की चोट से जूझ रहा था। भारत जबकि विश्व कप की खिताबी जीत की पहली वर्षगांठ मना रहा है तब युवराज ने इस उपलब्धि को विशेष क्षण करार दिया।
उन्होंने कहा कि आप सभी आप सभी वानखेड़े स्टेडियम (विश्व कप फाइनल का स्थान) में कई लहराते ध्वज, खुशी और भारतीय सपना सच होने को याद कर सकते हो। यह इतिहास का महानतम क्षण था क्योंकि विश्व कप जीतना हमारे लिये सब कुछ था विशेषकर सचिन तेंदुलकर के साथ इसे जीतना खास था।
युवराज ने कहा कि यह (विश्व कप की जीत) हमेशा मेरे और सभी भारतीयों के लिए बहुत खास रहेगी। इसकी यादों को हम हमेशा अपने दिल में संजो कर रखेंगे। विश्व कप के बाद युवराज को हालांकि काफी मुश्किल हालातों से गुजरना पड़ा। उन्हें कैंसर हो गया लेकिन 18 मार्च को अमेरिका के इंडियानापोलिस अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वह अब तेजी से इस बीमारी से उबर रहे हैं।
युवराज ने कहा कि इसने (विश्व कप) सभी की जिंदगी बदल दी। मैंने नहीं सोचा था कि विश्व कप के बाद मुझे इस स्थिति से गुजरना होगा लेकिन यही जिंदगी है। उन्होंने कहा कि जब मुझे बताया कि मैं कैंसर से पीड़ित हूं तब मैं अपने करियर के चरम पर था लेकिन अब मेरा उपचार हो गया है और मैं अच्छा हूं। मैं अपने गुरुजी और मां का आभारी हूं। यह कठिन यात्रा रही लेकिन मैं सौभाग्यशाली था कि शुरुआती चरण में ही कैंसर का पता चल गया और मेरा उपचार संभव हो पाया। अब मैं सामान्य व्यक्ति की तरह अपनी जिंदगी जीना चाहता हूं। जिंदगी का भरपूर मजा लेना चाहता हूं।
युवराज ने इस कठिन दौर में उनका साथ देने वाले प्रशंसकों का भी आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि मैं तमाम प्रार्थनाओं और शुभकामनाओं के लिए सभी का आभार व्यक्त करता हूं। मैंने देखा है कि स्वदेश में सभी जगह मेरे लिए दुआएं की जा रही हैं। यह दिल को छू लेने वाला था। मैं इससे अधिक की उम्मीद नहीं कर सकता। मुझे असल में पता चला कि लोग मुझे कितना चाहते हैं।
युवराज ने कहा कि मैं केवल यह कहना चाहता हूं कि मैं अच्छा हूं और जल्द ही सामान्य व्यक्ति की तरह स्वस्थ हो जाऊंगा। मैं फिर से भारत की तरफ से खेलने के बारे में सोच रहा हूं।