अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 60 दिनों से अधिक समय तक जिंदगी के लिए जद्दोजहद करने वाली दो वर्ष की बच्ची फलक की गुरुवार रात दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
एम्स में न्यूरोसजर्री के सहायक प्रोफेसर दीपक अग्रवाल ने बताया कि दिल का दौरा पड़ने की वजह से फलक की मौत हो गई। उसे दिल का दौरा रात करीब नौ बजे पड़ा और 9.40 बजे उसे मृत घोषित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि उसके स्वास्थ्य में पिछले कुछ दिनों से सुधार देखा जा रहा था लेकिन गुरुवार को उसकी हृदय गति में कुछ उतार-चढ़ाव देखा गया।
अग्रवाल ने बताया कि इसके पहले दो बार दिल का दौरा पड़ने की वजह से उसका हृदय कमजोर हो गया था। उन्होंने बताया कि फलक की मौत हो जाने के बाद अस्पताल का माहौल काफी गमगीन है क्योंकि यहां सभी उससे भावनात्मक रूप से जुड़े हुए थे।
इसके पहले एम्स के डॉक्टरों ने उसकी सेहत में सुधार बताया था। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि फलक को अगले एक सप्ताह में अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।
दीपक अग्रवाल ने गत नौ मार्च को कहा था कि वह संक्रमण से उबर गई है। एक सप्ताह में उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि उसे उचित देखभाल और फिजियोथेरेपी मिलती है तो उसकी स्थिति में सुधार होगा, लेकिन मस्तिष्क में लगी गहरी चोट का इलाज अधूरा नहीं छोड़ा जा सकता। हमें उम्मीद है कि वह भविष्य में निष्क्रिय नहीं रहेगी।