फोटो गैलरी

Hindi News राजरंग

राजरंग

हम डूबे तो सबको ले डूबेंगे..मैं चाहे ये करूं, मैं चाहे वो करूं, मेरी मर्जी। सरकार मेरी है, वजीर भी हम ही लोग हैं। फिर जमाना टांय-टांय क्यों कर रहा है? तीन साल जनता की सेवा किये। जनता ने कुछ माल पत्तर...

 राजरंग
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
ऐप पर पढ़ें

हम डूबे तो सबको ले डूबेंगे..मैं चाहे ये करूं, मैं चाहे वो करूं, मेरी मर्जी। सरकार मेरी है, वजीर भी हम ही लोग हैं। फिर जमाना टांय-टांय क्यों कर रहा है? तीन साल जनता की सेवा किये। जनता ने कुछ माल पत्तर दे दिया, तो का ठुकरा देते। लक्ष्मी जी का अपमान नहीं हो जाता। गांव से आये सीधे-साधे इंसान हैं, रख लिये। माता लक्ष्मी का अपमान हमलोग नहीं सह सकते हैं। अब इ देखिये वजीरों के मातहत ही काम करने वाली संस्था ने दन से एफआइआर ठोंक दिया। का होगा इससे। जांचे न कीािएगा, कीािए। अर कुछ दिन के लिए लक्ष्मी के प्रवाह को रोक दीजियेगा आउर कुछो थोड़े न होगा। अपने भाग्य से कमा रहे थे। लक्ष्मी जी की कृपा थी। कोई एहसान नय किया है। अलबत्ता कई लोग जलने लगे। एक ने तो मुकदमा ही ठोंक दिया। अब दोनों वजीर दोस्त गलबहियां डाले साथ-साथ घूम रहे हैं। एगो आउर को जोड़ लिया है, एक्स वजीर ए चीफ को।ड्ढr सब साथ-साथ गा रहे हैं- बना के क्यूं बिगाड़ा र, ऊपर वाले। बहुत दिन तंगहाली देखी। उस समय दुख में कोई साथ नहीं देता था। चुनाव लड़ना है, सो पार्टी के पास थोड़ा चंदा-चिट्ठा आ ही गया, तो क्या बुरा हुआ। सबको आंख लगने लगा। अयसने अभी तीन-चार गो एके नाव पर सवार हैं। डूबेंगे तो संगे-संग सबको ले डूबेंगे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें