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लोकपाल विधेयक का सरकारी मसौदा बेकार: हजारे

मजबूत लोकपाल के लिए अपना अभियान तेज करते हुए अन्ना हजारे ने शनिवार को सरकार से कहा कि यदि वह मजबूत भ्रष्टाचार विरोधी कानून नहीं ला सकती तो वह सत्ता छोड़ दे। उन्होंने लोकपाल विधेयक के सरकारी मसौदे को...

लोकपाल विधेयक का सरकारी मसौदा बेकार: हजारे
एजेंसीSat, 17 Dec 2011 09:44 PM
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मजबूत लोकपाल के लिए अपना अभियान तेज करते हुए अन्ना हजारे ने शनिवार को सरकार से कहा कि यदि वह मजबूत भ्रष्टाचार विरोधी कानून नहीं ला सकती तो वह सत्ता छोड़ दे। उन्होंने लोकपाल विधेयक के सरकारी मसौदे को खारिज कर दिया और इसे बेकार करार दिया।

यहां फ्रीडम पार्क में एक बड़े हुजूम को संबोधित करते हुए हजारे ने कहा कि सरकार गरीबों की आवश्यकताओं के प्रति अंधी और बहरी हो गई है और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई में उनकी मदद नहीं कर रही।

उन्होंने कहा कि लोकपाल लाइये नहीं तो जाइये। इस तरह की सरकार की जरूरत क्या है (यदि यह मजबूत लोकपाल नहीं ला सकती) यह सरकार अंधी और बहरी हो गई है।

हजारे ने सरकार के मसौदे को बेकार बताया और कहा कि जरूरत इस बात की है कि एक एक अच्छा और मजबूत विधेयक लाया जाए। गांधीवादी कार्यकर्ता ने कहा कि मसौदा बेकार है। एक नया विधेयक लाइये। हमने एक अच्छा विधेयक तैयार किया था। सरकार ने कहा कि वह बाहर से विधेयक क्यों लाएगी, क्या हम बाहरी हैं।

हजारे ने कहा कि सरकार ने लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए संयुक्त समिति में छोटे मुद्दों पर चर्चा की थी और केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष दो प्रारूप लाने का वायदा किया था, एक सरकार की ओर से और दूसरा सिविल सोसायटी का।

74 वर्षीय कार्यकर्ता ने कहा कि मंत्रिमंडल के समक्ष हमारा विधेयक नहीं लाया गया। यह झूठी सरकार है। इसलिए हमारे पास कोई विकल्प नहीं है और हम मजबूत लोकपाल के लिए आगे बढ़ेंगे। हजारे कल एक ऐसे ही कार्यक्रम को संबोधित करने चेन्नई जाएंगे।

इससे पहले आज दिन में हजारे ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र भेजा जिसमें कहा गया कि इसे लेकर संदेह पैदा हो गया है कि लोकपाल विधेयक 23 दिसंबर तक पारित हो पाएगा या नहीं जब संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होगा। उन्होंने अपने प्रस्तावित अनशन और जेल भरो आंदोलन पर आगे बढ़ने की चेतावनी दी।

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