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खाद्य सुरक्षा विधेयक पर सोमवार को निर्णय करेगी सरकार

कैबिनेट सोमवार को विवादास्पद खाद्य सुरक्षा विधेयक पर अंतिम निर्णय कर सकती है। सरकार की अगले कुछ दिनों में इस विधेयक को संसद में पेश करने की योजना है। खाद्य मंत्री के वी थामस ने कहा कि खाद्य सुरक्षा...

खाद्य सुरक्षा विधेयक पर सोमवार को निर्णय करेगी सरकार
एजेंसीFri, 16 Dec 2011 04:32 PM
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कैबिनेट सोमवार को विवादास्पद खाद्य सुरक्षा विधेयक पर अंतिम निर्णय कर सकती है। सरकार की अगले कुछ दिनों में इस विधेयक को संसद में पेश करने की योजना है। खाद्य मंत्री के वी थामस ने कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक पर चर्चा के लिए इसे सप्ताह के शुरू में ही पेश किया जाना था लेकिन कुछ और समय की मांग के कारण इसे टाल दिया गया।
   
थामस ने संसद भवन परिसर में कहा कि जब सोमवार को साढे नौ बजे कैबिनेट की बैठक होगी तब इस पर चर्चा जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि एक बार कैबिनेट खाद्य सुरक्षा विधेयक को मंजूरी प्रदान कर देगा तब खाद्य मंत्रालय मसौदा विधेयक को अंतिम रूप देगा और संसद के शीतकालीन सत्र में ही पेश करने की कोशिश की जायेगी। इस विधेयक की वित्तीय व्यवहार्यता को लेकर कृषि मंत्रालय की आपत्तियों के बारे में पूछे जाने पर थामस ने कहा कि कैबिनेट इस विधेयक को देख रहा है जिसमें बड़े पैमाने पर वित्तीय प्रतिबद्धता की जरूरत है।
   
उन्होंने कहा कि इसलिए कैबिनेट इसे देख रहा है क्योंकि इसमें बड़े पैमाने पर वित्तीय प्रतिबद्धता की जरूरत है। खाद्य सुरक्षा विधेयक से जुड़ी तमाम चिंताओं को देखते हुए थामस ने इस विषय पर कई मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ बैठक की है और उन चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया। खाद्य सुरक्षा विधेयक सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलहकार परिषद की अहम परियोजना है और यह 2009 आम चुनाव से पूर्व किये गए वायदे का हिस्सा है।
    
प्रस्तावित विधेयक में देश की 63.5 प्रतिशत जनसंख्या को सब्सिडी के आधार पर खाद्यान्न प्राप्त करने का कानून अधिकार दिये जाने की बात कही गई है। प्रस्तावित विधेयक में लाभ प्राप्त करने वालों को प्राथमिकता वाले परिवार और सामान्य परिवारों में बांटा गया है। प्राथमिकता वाले परिवारों में गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले और सामान्य कोटि में गरीबी रेखा से उपर के परिवारों को रखे जाने की बात कही गई है।
   
ग्रामीण क्षेत्र में इस विधेयक के दायरे में 75 आबादी आयेगी जबकि शहरी क्षेत्र में इस विधेयक के दायरे में 50 प्रतिशत आबादी आयेगी। विधेयक में प्रत्येक प्राथमिकता वाले परिवारों को तीन रूपये प्रति किलोग्राम की दर से चावल और दो रूपये प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं उपलब्ध कराने की बात है।

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