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प. बंगाल में दूसरी त्रासदी, जहरीली शराब से 143 मरे

पश्चिम बंगाल में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या गुरुवार को बढ़कर 143 हो गई है जबकि अस्पताल में अभी भी 100 से अधिक लोग भर्ती हैं। इस मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उधर,...

प. बंगाल में दूसरी त्रासदी, जहरीली शराब से 143 मरे
एजेंसीFri, 16 Dec 2011 01:17 AM
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पश्चिम बंगाल में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या गुरुवार को बढ़कर 143 हो गई है जबकि अस्पताल में अभी भी 100 से अधिक लोग भर्ती हैं। इस मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

उधर, राज्य के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी ने विपक्षी मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया कि उनकी सरकार को शर्मिंदा करने के लिए उन्होंने शराब में कोई रसायन मिला दिया।

चटर्जी के इस आरोप ने त्रासदी को जहां राजनीतिक रंग देने की कोशिश की है वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले की जांच अपराध जांच विभाग (सीआईडी) से कराने का आदेश जारी किया है।

एक सप्ताह के भीतर राज्य में यह दूसरी भीषण त्रासदी है। दक्षिण कोलकाता में गत शुक्रवार को एक अस्पताल में आग लगने से 93 लोग मारे गए। इस तरह इन दोनों त्रासदियों में अबतक 230 से अधिक लोगों की जान चली गई है।

दक्षिण 24 परगना जिले के संग्रामपुर में जहरीली शराब पीने वालों में ज्यादातर रिक्शा चालक, श्रमिक और फेरीवाले थे। उन्होंने दिन का काम खत्म करने के बाद एक झोपड़ी में बैठकर मिलावटी शराब पी। यह स्थान राजधानी कोलकाता से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर है।

रिपोर्टो के मुताबिक प्लास्टिक के गिलास में बिकने वाली शराब की कीमत 10 अथवा 20 रुपये होती है। जहरीली शराब का शिकार कई किशोर भी हुए हैं।

इस बीच, राज्य सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवार को दो लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। जिले की मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिखा अधिकारी ने बताया कि जहरीली शराब से अबतक 143 लोगों की मौत हो चुकी है।

पुलिस अधीक्षक एल. एन. मीणा ने बताया कि मिलावटी शराब की आपूर्ति करने पर आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकतर पीड़ित उस्थी, मंदिरबाजार एवं मगराहाट इलाकों से हैं।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बुधवार शाम से बड़ी संख्या में लोग अस्पतालों में भर्ती हुए हैं। उन्होंने बताया कि मरीजों के आने का सिलसिला गुरुवार सुबह भी जारी रहा। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

पीड़ितों का डायमंड हार्बर स्थित अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्रों, नर्सिंग होम्स और कोलकाता के कुछ अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

अधिकारी ने बताया कि इस अस्पताल में 327 पीड़ितों को लाया गया इनमें से 35 की रास्ते में ही मौत हो चुकी थी जबकि 68 पीड़ितों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। इनके अलावा 25 की मौत कोलकाता सहित अन्य अस्पतालों में हुई।

मीना ने कहा कि अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस, सीआईडी और आबकारी विभाग की टीमें संयुक्त रूप से छापेमारी कर रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रमुख संदिग्ध खोड़ा बादशाह को दबोचने के लिए तलाशी चलाई जा रही है।

जिलाधिकारी एन. एस. निगम ने कहा कि जहरीली शराब में जिस रसायन का इस्तेमाल किया गया उसकी पहचान अभी नहीं हो पाई है। विपक्षी वाम मोर्चा संग्रामपुर में गुरुवार को संवेदनारैली का आयोजन करेगा।

संग्रामपुर के एक निवासी ने बताया कि बुधवार तड़के करीब दो बजे से लोगों को पेट दर्द के साथ उल्टी एवं दस्त की शिकायत शुरू हुई।

इस बीच, राज्य के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी ने माकपा के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया कि उनकी सरकार को शर्मिंदा करने के लिए उन्होंने शराब में कोई रसायन मिला दिया। जबकि माकपा ने सरकार को आरोप साबित करने की चुनौती दी और पीड़ितों के इलाज में प्रशासन की ‘बेरुखी’ की न्यायिक जांच कराने की मांग की।

संवाददाताओं से बातचीत में चटर्जी ने कहा कि इस त्रासदी के पीछे माकपा के सदस्य थे। उन्होंने आपराधिक षड्यंत्र रचकर शराब में रसायनों को मिला दिया, ताकि लोगों की मौत हो जाए। वे सरकार को शर्मिंदा करना चाहते हैं।

दूसरी ओर, राज्य में विपक्ष के नेता सूर्य कांत मिश्र ने मंत्री के आरोप पर त्वरित प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सरकार को चुनौती दी कि वह साबित करे कि इस त्रासदी के पीछे माकपा के लोग थे।

मिश्र ने कहा कि यदि उनमें ईमानदारी है तो वे इसे साबित करें। वे सरकार चला रहे हैं, इसलिए उन्हें किसी पर भी निराधार आरोप लगाने का हक नहीं है। पहले भी वे इस तरह के आरोप लगाते रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले ओडिशा में वर्ष 1992 में जहरीली शराब पीने से 200 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 2009 में गुजरात में जहरीली शराब से 136 लोगों की मौत हो गई थी।

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