लोकपाल समिति विभाजित, 10 सदस्यों ने दिया असहमति नोट
लोकपाल विधेयक को परख रही संसदीय स्थायी समिति में गुरुवार को उस समय विभाजन की रेखा खिंच गई जब दस सदस्यों ने मसौदे पर एक असहमति नोट पेश किया। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री, समूह ‘सी’ के...
लोकपाल विधेयक को परख रही संसदीय स्थायी समिति में गुरुवार को उस समय विभाजन की रेखा खिंच गई जब दस सदस्यों ने मसौदे पर एक असहमति नोट पेश किया।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री, समूह ‘सी’ के सरकारी कर्मचारियों और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को प्रस्तावित लोकपाल के दायरे में लाने के मुद्दे पर सदस्यों के बीच फूट पड़ गई। कुछ सदस्यों ने यह आरोप भी लगाया कि जब बुधवार को आम सहमति बन गई कि समूह ‘सी’ के कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाया जाएगा तब गुरुवार को अचानक बैठक बुलाई गई और निर्णय लिया गया कि समूह ‘सी’ के कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे से बाहर रखा जाएगा।
समाजवादी पार्टी (सपा) नेता एवं समिति के सदस्य शैलेंद्र कुमार ने कहा, ‘यह आश्चर्यजनक है कि आज बैठक क्यों बुलाई गई जबकि अधिकांश मुद्दों पर कल ही सहमति बन चुकी थी।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि ये सिफारिशें प्रभावी लोकपाल का समर्थन करेंगी।’