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नौसेना के कमांडो ने समुद्री लुटेरों को जिंदा दबोचा

भारतीय नौसेना के जांबाज माकर्ोस कमांडो ने अदन की खाड़ी में एक बार फिर जोरदार कार्रवाई करते हुए 23 समुद्री लुटरों को जिंदा दबोच लिया। नौसेना के प्रवक्ता ने यहां बताया कि इन लुटेरों को पकड़ कर जंगी पोत...

 नौसेना के कमांडो ने समुद्री लुटेरों को जिंदा दबोचा
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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भारतीय नौसेना के जांबाज माकर्ोस कमांडो ने अदन की खाड़ी में एक बार फिर जोरदार कार्रवाई करते हुए 23 समुद्री लुटरों को जिंदा दबोच लिया। नौसेना के प्रवक्ता ने यहां बताया कि इन लुटेरों को पकड़ कर जंगी पोत आईएनएस मैसूर पर लाया गया है और कानूनी पहलुआें की पड़ताल की जा रही है। अदन की खाड़ी में तैनात नौसेना के विध्वंसक पोत आईएनएस मैसूर को शनिवार दोपहर 12 बजे एक मर्चेंट पोत एमवी जाइव से राहत की पुकार मिली। इस पोत को समुद्री लुटेरे अगुवा करने की कोशिश कर रहे थे। नौसेना के सूत्रों के अनुसार पकड़े गए समुद्री लुटेरों में 13 सोमालिया और 11 यमन के हैं। भारतीय पोत अदन की खाड़ी में 150 समुद्री मील दूर पूर्व में था। राहत पुकार मिलते ही जंगी पोत आईएनएस मैसूर से सशस्त्र हेलीकाप्टर के साथ माकर्ोस कमांडो को रवाना किया गया। उसी समुद्री इलाके में रूस और अमेरिका की नौसेना के पोत भी थे। तीनों नौसेनाआें की इस मिलीजुली कार्रवाई में एक बार फिर मार्कोस ने पहल करते हुए समुद्री लुटेरों को निहत्था कर दिया। सूत्रों के अनुसार इस कार्रवाई में सात एके 47 रायफलें, पाचं .56 एमएम की गन, सात .62 बोर की पिस्तौल और 13 मैगजीन, एक जीपीसी और एक मोबाइल सैट भी बरामद किया। नौसेना के प्रवक्ता ने कहा कि समुद्री लुटेरे दो नौकाआें में सवार थे और इथियोपिया के ध्वज वाले पोत को अगवा करने जा रहे थे। भारतीय जंगीपोत वहां से 13 समुद्री मील दूर था। भारतीय नौसेना के हथियारबंद हेलीकाप्टर को आता देख लुटेरे मर्चेंट पोत को छोड़कर अपनी नौकाआें से भागने लगे। लेकिन आईएनएस मैसूर ने उनका पीछा किया। लुटेरों की नौका के पास आते ही भारतीय मरीन कमांडो ने उस पर धावा बोल दिया। लुटेरों ने खुद को चारों आेर से घिरा पाकर हथियार डाल दिए। प्रवक्ता ने बताया कि लुटेरे ‘सलाहुद्दीन’ नाम की हरी नौका पर सवार थे और आठ-दस मीटर लम्बी इस नौका के साथ उनकी छोटी नौका भी थी। इससे पहले भारतीय नौसेना के जंगी पोत आईएनएस तबर ने समुद्री लुटेरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी नौका को डूबो दिया था। एक थाई कम्पनी ने उसे अपना अपहृत पोत बताते हुए विवाद पैदा करने की कोशिश की थी लेकिन बाद में भारतीय नौसेना तथ्यों के साथ यह बात साबित करने में कामयाब रही कि जिस नौका को डुबोया गया था, वह लुटेरों के कब्जे में ही थी। नौसेना ने इस कार्रवाई के बाद आईएनएस तबर के स्थान पर विध्वंसक पोत आईएनएस मैसूर को रवाना किया था। आईएनएस तबर अभी पश्चिमी कमान की आेर वापस आ रहा है। शनिवार की कमांडो कार्रवाई में आईएनएस मैसूर के कैप्टन सुधीर पिल्लै ने सूझबूझ का परिचय दिया और मरीन कमांडों को हेलीकाप्टर से रवाना करने के साथ ही जंगी पोत को लगातार लुटेरों का पीछा करने के लिए लगा दिया। मुंबई हमलों को लेकर आतंकवादियों को रोक पाने में विफलता के लिए नौसेना की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए जा रहे थे लेकिन शनिवार की कमांडो कार्रवाई ने एक बार फिर से भारतीय नौसेना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाई है।

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