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अजब जानवरों की गजब कहानी

क्या तुम्हें पता है कि हिरण की ऐसी प्रजाति भी है, जो नाचती है? तुम फ्रूट्स को बिना धोए खा लेते हो, लेकिन अमेरिकी रकून इन्हें धोकर खाता है। ऐसे ही जानवरों और पक्षियों की अजब-गजब दुनिया से परिचय करा...

अजब जानवरों की गजब कहानी
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 17 May 2011 11:00 AM
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क्या तुम्हें पता है कि हिरण की ऐसी प्रजाति भी है, जो नाचती है? तुम फ्रूट्स को बिना धोए खा लेते हो, लेकिन अमेरिकी रकून इन्हें धोकर खाता है। ऐसे ही जानवरों और पक्षियों की अजब-गजब दुनिया से परिचय करा रहे हैं सत्य सिंधु

दुनिया में चिड़ियों की लगभग 8,600 से अधिक प्रजातियां हैं, जिनमें कुछ तो बेहद छोटी हैं, तो कुछ हमसे भी बड़ी। उनमें से किसी की बुद्धि बहुत तेज होती है, तो किसी के दिल की धड़कन बहुत तेज होती है। किसी के पंखों का फैलाव हमारी लंबाई से भी बड़ा होता है, तो कोई बिना दांत के सिर्फ अपनी चोंच के सहारे पत्थर के कठोर दानों को भी आहार बना लेती है।

अमेरिका के अधिकांश भागों में रकून नाम का जानवर पाया जाता है, जो बहुत समझदार माना जाता है। इसकी बुद्धि इतनी तेज है कि अगर इसे पानी मिले, तो यह अपने भोजन को खाने से पहले धो लेता है। यह उत्तरी अमेरिका के कनाडा से लेकर पनामा तक पाया जाता है।

आस्ट्रेलिया में एक अनोखी चिड़िया पाई जाती है- पिट्टी चिड़िया। इसकी विशेषता है कि इसके पंख के मनोहारी रंग होते हैं। प्रकृति ने इसके पंख में नौ रंग सजा दिए हैं। ऊंची उड़ान के लिए पक्षियों का वजन कम होना बहुत जरूरी है, इसीलिए बहुत से पक्षियों का वजन कम करने के लिए प्रकृति ने उनकी हड्डियों को खोखला बनाया है। सुनहरी चील के पंखों का फैलाव तो 2.3 मीटर (लगभग 7.5 फीट) से ज्यादा होता है, लेकिन वजन तीन किलोग्राम से ज्यादा नहीं होता है। पिट्सबर्ग पक्षी संग्रहालय में व्हाइट क्रेस्टेड लाफिंग थ्रश नामक पक्षी तो आपके साथ सुर मिलाकर गाना गाएगा।

पक्षियों में सीखने की प्रवृत्ति बहुत कम होती है। लेकिन ये पक्षी अपने मस्तिष्क में ज्ञान का बड़ा भंडार लेकर ही पैदा होते हैं। इसी ज्ञान से उन्हें पता चलता है कि उन्हें कब, क्या और कैसे करना है। इस जन्मजात ज्ञान के कारण ही वे खाना-पीना, उड़ना आदि सीखते हैं।

चिड़ियों के दांत नहीं होते। तुम सोच रहे होगे कि बिना दांत के वह खाना कैसे खाती हैं। दरअसल उनकी चोंच खाना खाने में उनकी सहायता करती है। इनकी पैनी नुकीली और मजबूत चोंच पूरे जीवन उनका साथ देती है।

कुत्ते के बारे में तुम्हें शायद यह नहीं मालूम होगा कि उसे अक्ल बहुत जल्दी ही आ जाती है। हम 15 साल की उम्र में जितने परिपक्व होते हैं, कुत्ता एक साल की उम्र में ही उतना परिपक्व हो जाता है।  इस कुत्ते को हमने 12 हजार साल पहले अपना दोस्त बनाया।

गजब की मस्ती और डांस करता है संगाई हिरण

मणिपुर राज्य में कीबुल लमजाओ नाम का नेशनल पार्क है। यह पार्क तरह-तरह के हिरणों के लिए फेमस है। यहां पूरी दुनिया से पर्यटक आते हैं। इस पार्क में थामिन, संगाई आदि हिरण मिलते हैं, लेकिन संगाई हिरण यहां की खास पहचान है।

एक बार इस हिरण को देखने के बाद तुम इसके दीवाने हुए बिना नहीं रह पाओगे। इसका रीजन है इस हिरण का डांस। यहां की शान कहलाने वाले बे एन्टवर्ड संगाई हिरन को देखकर पर्यटक हैरान रह जाते हैं, क्योंकि इन्हें झुंड में मस्ती और डांस करते देखना बेहद यादगार अनुभव बन जाता है। इन्हें देखकर तो कई दर्शक भी डांस करने लगते हैं।

यह भारत का अकेला ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है, जहां तुम्हें हिरण की अनेक प्रजातियां आसानी से देखने को मिल सकती हैं। यह पार्क मणिपुर की राजधानी इम्फाल से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

खाना धोकर खाता है अमेरिकी रकून

आज जो मुर्गे हमें मिलते हैं, वो लाल जंगली मुर्गे के वंशज हैं। मुर्गा काफी साहसी होता है। लाल जंगली मुर्गे को सबसे पहले मोहन जोदड़ो और हड़प्पा में 2500-2100 ईसा पूर्व पालतू बनाया गया।

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