देश के चार प्रमुख राज्यों पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुड्डचेरी में हुए विधानसभा के अब तक आए नतीजों से कम से कम दो राज्यों में महिला राजनेताओं का मुख्यमंत्री बनना तय है।
पश्चिम बंगाल में ‘दीदी’ के नाम से लोकप्रिय रेल मंत्री ममता बनर्जी का जादू चला है तो तमिलनाडु में ‘अम्मा’ यानी जे. जयललिता का डंका बजा है। असम की जनता ने तरुण गोगोई पर फिर से विश्वास जताते हुए उन्हें तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया है।
अब तक प्राप्त नतीजों के मुताबिक पश्चिम बंगाल में पिछले 34 सालों का वामपंथी शासन खत्म कर तृणमूल कांग्रेस ने इतिहास रच दिया है, वहीं तमिलनाडु में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) सत्ता में वापसी करने में सफल रही है। असम में कांग्रेस लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) को वामदलों के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) से कड़ी टक्कर मिली, लेकिन आखिरकार यूडीएफ बहुत कम अंतर से बहुमत हासिल करने में कामयाब रही। पुड्डचेरी में कांग्रेस को झटका लगा है।
पश्चिम बंगाल में रेल मंत्री ममता बनर्जी इतिहास बनाने की दहलीज पर हैं। उनके नेतृत्व वाले तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस गठबंधन ने 34 साल पुरानी वाम मोर्चे की सरकार को हाशिए पर धकेल दिया है। वाम दलों ने अपनी हार भी स्वीकार कर ली है जबकि ममता को देश-विदेश से बधाइयां मिल रही हैं।
निर्वाचन आयोग से प्राप्त ताजा आंकड़ों के मुताबिक पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों में से 234 के नतीजे और 60 के रुझान सामने आ चुके हैं। तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों को 142 सीटों पर जीत मिली है, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस ने 36 सीटें जीत ली हैं। तृणमूल कांग्रेस 44 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं और कांग्रेस पांच सीटों पर आगे चल रही है।
इन रुझानों में बहुत अधिक परिवर्तन होने के आसार कम ही है और राज्य में वाम मोर्चे का सूपड़ा साफ होना और तृणमूल-कांग्रेस गठबंधन को दो तिहाई बहुमत मिलना तय है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को अब तक 32 सीटों पर जीत मिली है, जबकि आठ सीटों पर उसके उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक 10 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है और एक सीट पर बढ़त बनाए हुए है। इसी प्रकार रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) छह उम्मीदवार चुनाव जीत चुके हैं और एक सीट पर उसके उम्मीदवार ने बढम्त हासिल कर रखी है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सिर्फ एक उम्मीदवार को जीत मिली है। छह सीटों पर अन्य उम्मीदवार जीत चुके हैं और उन्होंने एक सीट पर बढ़त बनाई हुई है।
जीत के प्रति आश्वस्त होने के बाद ममता ने दक्षिणी कोलकाता में कालीघाट स्थित अपने आवास पर लोगों की भीड़ को सम्बोधित करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अफगानिस्तान से फोन कर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि वह इस सफलता से बहुत खुश हैं।’’
ममता ने कहा, ‘‘लोग सुबह से ही मुझे फोन कर रहे हैं। यह लोगों की जीत है। सोनिया गांधी ने भी फोन कर बधाई दी है जबकि देश के अन्य हिस्सों से भी लोग बधाई दे रहे हैं।’’
ममता ने रुझानों को जीत का संकेत मानते हुए कहा कि यह मां, माटी (मिट्टी) और मानुष (मनुष्य) की जीत है। ‘‘यह जीत मां, माटी और मानुष की है। यह जीत पहाड़ और जंगलों की है। यह असहाय और जनजातीय लोगों की जीत है। यह लोकतंत्र की जीत है। यह ऐतिहासिक है और 34 सालों बाद पश्चिम बंगाल को मिली नई आजादी है।’’
माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने नई दिल्ली में कहा कि जनता ने ‘बदलाव’ को चुना है इसलिए पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा को शिकस्त का सामना करना पड़ा है।
येचुरी ने यहां माकपा मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘लोगों ने बदलाव को चुना है और इसका सबसे बड़ा फायदा तृणमूल कांग्रेस को मिला है।’’
उन्होंने कहा कि वाम मोर्चा का लगातार 34 वर्षो तक शासन में बने रहना एक ‘रिकॉर्ड’ है, जो कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में कहीं दिखाई नहीं देता।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता गुरुदास दास गुप्ता ने कहा, ‘‘यह लोगों का जनादेश है और हम इसे स्वीकार करते हैं।’’ गुरुदास ने हालांकि इस बात से इंकार किया कि यह जनादेश वामपंथियों के राज्य से स्थायी अंत का संकेत है। उन्होंने कहा, ‘‘हम मैदान में लगातार बने रहेंगे।’’
तमिलनाडु की 234 में 110 सीटों के नतीजे घोषित हो चुके हैं। जबकि 124 सीटों के रुझान आ चुके हैं। इनमें एआईएडीएमके के खाते में अब तक 73 सीटें गई हैं, जबकि 77 पर उसने बढ़त बना रखी है। डीएमके ने 10 सीटें जीती हैं, जबकि 13 सीटों पर उसके उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। वामपंथी दलों को 12 सीटों पर जीत मिली है जबकि आठ सीटों पर उसके उम्मीदवार आगे चल रहे हैं।
केरल की कुल 140 सीटों के नतीजे आ चुके हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ को 72 सीटें मिली हैं जबकि कांग्रेस एलडीएफ को 68 सीटें मिली हैं। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में उभरी है। उसने 45 सीटें जीती है जबकि कांग्रेस ने 38, मुस्लिम लीग केरल स्टेट कमेटी ने 20, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने 13, केरल कांग्रेस ने नौ, जनता दल (सेक्यूलर) ने चार, रिव्योल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने दो-दो सीटें जीती हैं। सात सीटें अन्य के खाते में गई हैं।
असम में स्थिति पूरी तरह स्पष्ट है। यहां कांग्रेस हैट्रिक बना रही है और तरुण गोगोई लगातार तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बनने की ओर अग्रसर हैं। कांग्रेस 60 सीटें जीत चुकी हैं और वह 18 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट नौ सीटें जीत चुकी है और उसने आठ सीटों पर बढ़त हासिल कर रखी है। बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के उम्मीदवारों ने आठ सीटों पर जीत हासिल की है और चार सीटों पर उसके उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। असम गण परिषद (अगप) को सिर्फ पांच सीटों पर जीत नसीब हुई है जबकि छह सीटों पर उसके उम्मीदवारों को बढ़त हासिल है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दो सीटें जीती है दो सीटों पर उसके उम्मीदवार आगे चल रहे हैं।
पुड्डुचेरी की सभी 30 सीटों के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस ने सबसे अधिक 15 सीटों पर कब्जा जमाया है और वह सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में यहां उभरी है। सात सीटों पर कांग्रेस, पांच सीटों पर ऑल इंडिया द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) और दो सीटों पर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने जीत दर्ज की है। एक अन्य के खाते में गई है।
यह नतीजे कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन को तगड़ा झटका है, जबकि उसकी विरोधी पार्टियों को फायदा पहुंचा है। 30 सदस्यों वाले विधानसभा में कांग्रेस गठबंधन के पास मात्र नौ सदस्य होंगे। जबकि 21 सीटें विरोधियों के पक्ष में गई हैं।
विधानसभा चुनाव के तहत इन राज्यों में सम्पन्न हुए मतदान के बाद शुक्रवार सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई। केरल की 140, पुड्डचेरी की 30 और तमिलनाडु की 234 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में 13 अप्रैल को मतदान सम्पन्न हुआ, जबकि 126 सदस्यीय असम विधानसभा के लिए दो चरणों में क्रमश: चार और 11 अप्रैल को मतदान हुआ था। पश्चिम बंगाल में विधानसभा की कुल 294 सीटों के लिए इस बार सबसे ज्यादा छह चरणों में चुनाव कराए गए।
पांचों राज्यों में चुनाव परिणाम की ताजा दलीय स्थिति
असम : कुल सीट 126
भाजपा 5
कांग्रेस 78
तृणमूल कांग्रेस 1
एआईयूडीएफ 18
एजीपी 10
बीपीएफ 12
अन्य 2
केरल :कुल सीटें 140
भाकपा 13
माकपा 45
कांग्रेस 38
राकांपा 2
जेडीएस 4
केरल कांग्रेस (एम) 9
मुस्लिम लीग 20
आरएसपी 2
अन्य 7
पुडुचेरीः कुल सीटें 30
कांग्रेस 7
अन्नाद्रमुक 5
द्रमुक 2
एनआर कांग्रेस 15
निर्दलीय 1
पश्चिम बंगालः कुल सीटें 294
भाकपा 2
माकपा 40
कांग्रेस 42
एफबी 11
तृणमूल कांग्रेस 184
आरएसपी 7
सपा 1
अन्य 7
तमिलनाडुः कुल सीटें 234
पार्टी जीत बढ़त
भाकपा 9 0
माकपा 10 0
कांग्रेस 5 0
अन्नाद्रमुक 146 4
एफबी 1 0
द्रमुक 20 3
पीएमके 2 1
अन्य 31 2