अपने घर में लड़ें 'युवराज': मायावती
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने राहुल गांधी पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस के युवराज को किसानों को भला करना है तो पहले अपनी पार्टी की केंद्र सरकार को भूमि अधिग्रहण कानून में...
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने राहुल गांधी पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस के युवराज को किसानों को भला करना है तो पहले अपनी पार्टी की केंद्र सरकार को भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के लिए मनाएं।
गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस को उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि ग्रेटर नोएडा में राहुल गांधी ने जो ड्रामेबाजी की वह एक गंदी राजनीति का परिणाम है। उन्होंने कहा कि युवराज को पहले अपने घर को ठीक करना चाहिए, लेकिन लगता है कि उनके घर में उनकी नहीं चल रही है।
उन्होंने कहा कि जो कुछ हो रहा है वह विपक्षी पार्टियों की गंदी राजनीति का परिणाम है। उन्होंने कहा कि जिस भट्टा-परसौल गांव को इस विरोध का केंद्र बनाया गया है वहां किसानों को मुआवजे की कोई समस्या नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी दलों को किसानों का भला करना है तो यूपी में इस तरह की गंदी राजनीति करने की बजाय संसद के अंदर लड़ाई लड़ें। वह केंद्र सरकार पर दबाव बनाएं कि जल्द से जल्द नया भूमि अधिग्रहण कानून लाए। इस लड़ाई में बहुजन समाज पार्टी भी साथ देगी।
उन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि लंबे समय से केंद्र में कांग्रेस की सरकार रही है, भाजपा की भी सरकार केंद्र में रही, लेकिन दोनों पार्टियां इसमें नाकाम रहीं। पूरे देश में एक जैसे भूमि अधिग्रहण कानून न होने के कारण आए दिन इस तरह के बवाल होते रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे देश में उत्तर प्रदेश उन राज्यों में है, जहां किसानों को सबसे अधिक मुआवजा दिया जाता है।
मायावती ने कहा कि इस तरह के विरोध-प्रदर्शनों से राज्य की कानून व्यवस्था खराब होती है, इसलिए पार्टियों को इस तरह के कार्यों से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी को भी राज्य के कानून व्यवस्था खराब करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, इसके लिए जो भी उचित कानूनी कार्रवाई होगी, वह सरकार करेगी।
उन्होंने सोनिया गांधी पर भी हमला बोलते हुए कहा कि रायबरेली में जो रेलवे ने जो कोच फैक्टरी बनाने के लिए किसानों से जो जमीन ली है, वहां भी किसानों ने मुआवजे को लेकर विरोध दर्ज किया है, लेकिन विपक्षी पार्टियों वहां कुछ क्यो नहीं कर रही हैं।