सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले को मानेगी
सरकार ने बुधवार को कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के उस फैसले को मानेगी जिसमें सीबीआई की उपचारात्मक याचिका को खारिज कर दिया गया है। एजेंसी ने यह याचिका शीर्ष न्यायालय द्वारा भोपाल गैस त्रासदी मामले के...
सरकार ने बुधवार को कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के उस फैसले को मानेगी जिसमें सीबीआई की उपचारात्मक याचिका को खारिज कर दिया गया है। एजेंसी ने यह याचिका शीर्ष न्यायालय द्वारा भोपाल गैस त्रासदी मामले के आरोपियों के आरोपों को हल्का करने के पूर्व में दिये गये आदेश के खिलाफ दायर की थी।
कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने संवाददाताओं से कहा कि हम उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार चलेंगे। यह मामला आने के बाद मंत्रियों के समूह ने अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए उपचारात्मक याचिका दायर करने का निर्णय किया था। विद्वान अटार्नी जनरल की राय हासिल करने के बाद हमने उपचारात्मक याचिका दायर की। उच्चतम न्यायालय ने अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए उसे खारिज कर दिया। हम निर्णय का पालन करेंगे।
मुआवजे और आरोपियों को दी जाने वाली सजा के बारे में पूछे जाने पर मोइली ने कहा कि उन्हें पहले फैसले का अध्ययन करना होगा। उन्होंने ध्यान दिलाया कि कई अन्य याचिकाएं भी हैं जिनका निस्तारण होना बाकी है।
बहरहाल, उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि मुआवजे का मुद्दा उपचारात्मक याचिका से जुड़ा नहीं है और अलग मामला है।