फोटो गैलरी

Hindi Newsतन से मन को साधना

तन से मन को साधना

सुबह से वह अपने केबिन में ही कैद थे। किसी से बात भी नहीं कर रहे थे। कोई जाता भी था, तो हां हूं से आगे बात ही नहीं बढ़ पाती थी। हिलना-डुलना भी राशन में हो रहा था। अजीब से डिप्रेशन में थे वह। अगर हमें...

तन से मन को साधना
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 09 May 2011 09:52 PM
ऐप पर पढ़ें

सुबह से वह अपने केबिन में ही कैद थे। किसी से बात भी नहीं कर रहे थे। कोई जाता भी था, तो हां हूं से आगे बात ही नहीं बढ़ पाती थी। हिलना-डुलना भी राशन में हो रहा था। अजीब से डिप्रेशन में थे वह। अगर हमें डिप्रेशन को दूर करना है, तो हिलना-डुलना बेहद जरूरी है।

साइकियाट्रिस्ट डॉ. जेम्स एन. ग्रीनब्लाट मानते हैं, ‘एक्सरसाइज हमारे बिगड़े मूड को ठीक करती है। तनाव को कम करती है। शरीर चुस्त होता है, तो अपने पर भरोसा जमता है। ऐसे में डिप्रेशन गायब हो जाता है।’ वह बोस्टन के कंप्रिहेन्सिव साइकियाट्रिक रिसोर्स के संस्थापक और मेडिकल डायरेक्टर हैं। हाल ही में उनकी किताब आई है ‘द ब्रेकथ्रू डिप्रेशन सॉल्यूशन।’

आमतौर पर हमें हल्का-फुल्का डिप्रेशन होता है। अब भारी डिप्रेशन के लिए तो डॉक्टर के पास ही जाना होगा। लेकिन वैसा डिप्रेशन कम ही होता है। बाकी के डिप्रेशन के लिए तो एक्सरसाइज कमाल कर सकती है। लेकिन एक दिक्कत है कि जब डिप्रेशन होता है, तो हिलने डुलने तक का मन नहीं होता। एक्सरसाइज की तो बात ही और है। ऐसे में साथ वालों को हिलने-डुलने और एक्सरसाइज करने के लिए मनाना चाहिए।  

अगर हम एक्सरसाइज करते हैं, तो डिप्रेशन होने आशंका घट जाएगी। पिछले साल की एक स्टडी है। वह ‘ब्रिटिश जर्नल ऑफ साइकियाट्री’ में छपी थी। उसके मुताबिक लगातार एक्सरसाइज करने वालों को डिप्रेशन कम होता है। एक्सरसाइज न करने वाले उसके शिकार आराम से हो जाते हैं। फिर यह जरूरी नहीं कि भारी-भरकम एक्सरसाइज की जाए। खूब पसीना बहाया जाए। थोड़ी बहुत शारीरिक गतिविधि भी असर डालती है। तेज दौड़ और तेज चाल दोनों ही बराबर का असर करती हैं। उससे हमारा तनाव और दबाव कम होता है। दरअसल, तन और मन का एक दूसरे पर असर होता है। डिप्रेशन में तन हमारे मन की भरपाई करता है। इसलिए तन से मन को साध लेना चाहिए।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें