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भारत के साथ समीकरण

सेना प्रमुख जनरल अश्फाक परवेज कियानी और विदेश सचिव सलमान बशीर की ताजा टिप्पणियों की वजहें समझी जा सकती हैं। ओसामा बिन लादेन के खिलाफ जिस तरह से ऑपरेशन को अंजाम दिया गया, उसने पूरे देश को भौंचक्क कर...

भारत के साथ समीकरण
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 08 May 2011 09:02 PM
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सेना प्रमुख जनरल अश्फाक परवेज कियानी और विदेश सचिव सलमान बशीर की ताजा टिप्पणियों की वजहें समझी जा सकती हैं। ओसामा बिन लादेन के खिलाफ जिस तरह से ऑपरेशन को अंजाम दिया गया, उसने पूरे देश को भौंचक्क कर दिया है, ऐसे में अब उस घटना के कई दिनों बाद कियानी और बशीर ने अपनी-अपनी  टिप्पणी में दोबारा वैसी किसी कार्रवाई के खिलाफ सख्त चेतावनियां जारी की हैं।

दरअसल, भारत में की गई कुछ टिप्पणियों से यह आशंका पैदा हुई है कि वह भी अमेरिकी तर्ज पर कार्रवाई कर सकता है। ओबामा के विरुद्ध की गई कार्रवाई ने आखिरकार एक खतरनाक नजीर तो कायम कर ही दी है और हवाई घुसपैठ को सूंघ पाने में हमारी विफलता ने भी सुरक्षा से जुड़े कई अहम सवाल खड़े कर दिए हैं। 

जनरल अश्फाक परवेज कियानी ने बताया है कि इस वाकये से जुड़े तमाम पहलुओं की बारीकी से जांच की जा रही है। यह स्वाभाविक ही है, क्योंकि हर पाकिस्तानी यही चाहता है कि आईंदा ऐसे हालात न पैदा होने पाएं। कोई भी मुल्क इस तरह की शर्मिदगी और संप्रभुता पर हमले को अधिक समय तक नहीं झेल सकता।

हालांकि भारत की तरफ से खतरे को स्वाभाविक तौर पर देखा जाता है, लेकिन इसे दूसरे नजरिये से भी देखने की जरूरत है। हम लगातार खतरे की आशंका वाली मन:स्थिति में नहीं जी सकते। इसलिए मौजूदा हालात में हमें अपनी ऊर्जा उन कार्यो में खर्च करनी चाहिए, जो मुल्क के भीतर हाशिये पर पड़े लोगों के कल्याण से जुड़े हैं।

हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारे नागरिक ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी हैं और एक मुल्क के तौर पर पाकिस्तान की सुरक्षा व स्थिरता की चाबी उन्हीं के पास है। हमें विभिन्न मोरचों पर एक साथ काम करना होगा। भारत के साथ रिश्ते सुधारने का हमें लाभ हो सकता है और साथ ही उसको लेकर बनी खतरे की सोच में भी कुछ कमी आएगी। दोनों देश परमाणु संपन्न हैं, और हमेशा दोनों में वाक् युद्ध के कारण स्थिति विस्फोटक हो जाती है। इसलिए इस जबानी जंग को हकीकत में बदलने से रोकने के लिए हमें हर मुमकिन कदम उठाने चाहिए।             

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