फोटो गैलरी

Hindi Newsसफलता चाहिए तो कोई भी पार्ट छूटने न पाए

सफलता चाहिए तो कोई भी पार्ट छूटने न पाए

रिसर्च और लेक्चररशिप के क्षेत्र में प्रवेश के लिए यह परीक्षा काफी महत्त्वपूर्ण है। यूजीसी ने यह भी साफ कर दिया है कि लेक्चरर बनने के लिए नेट पास करना अनिवार्य होगा। तो ऐसा कर आप भी ज्ञान और गौरव के...

सफलता चाहिए तो कोई भी पार्ट छूटने न पाए
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 03 May 2011 12:49 PM
ऐप पर पढ़ें

रिसर्च और लेक्चररशिप के क्षेत्र में प्रवेश के लिए यह परीक्षा काफी महत्त्वपूर्ण है। यूजीसी ने यह भी साफ कर दिया है कि लेक्चरर बनने के लिए नेट पास करना अनिवार्य होगा। तो ऐसा कर आप भी ज्ञान और गौरव के पेशे से जुड़िये। पेश हैं, नेट की तैयारी के टिप्स।

यदि आप पीएचडी के बारे में सोच रहे हैं अथवा अध्यापन या रिसर्च में करियर बनाना चाहते हैं तो नेट आपके लिए आशाओं के नये द्वार खोलेगा। नेट यानी नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट का आयोजन नेशनल एजुकेशन टेस्टिंग ब्यूरो ऑफ यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन द्वारा किया जाता है। इसका उद्देश्य टीचिंग प्रोफेशन और रिसर्च के लिए न्यूनतम मानक निर्धारित करना होता है।
परीक्षा साल में दो बार क्रमश: जून और दिसंबर में आयोजित की जाती है। परीक्षा देश के लगभग 74 केन्द्रों पर 94 विषयों के साथ आयोजित की जाती है। परीक्षा देने का माध्यम अंग्रेजी और हिन्दी दोनों रहते हैं।

सामान्य ज्ञान है जरूरी

पहला पेपर सारे विषयों के अभ्यर्थियों के लिए सामान होता है। इसमें ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाते हैं। इसमें टीचिंग एप्टिटय़ूड, रिसर्च एप्टिटयूड, कम्युनिकेशन, क्लास रूम एनवायरमेंट, रीजनिंग, मैथमेटिकल एप्टिटय़ूड, डेटा इंटरप्रिटेशन आदि से जुड़े सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे जाते हैं। इसमें उत्तीर्ण होने के बाद ही दूसरी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की जाती है।

पहली पारी के दूसरे खंड में आपके द्वारा चुने गए विषय से ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाते हैं। ध्यान रखें इसके अंक आपके कुल प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए इसकी बेहतर तैयारी के लिए आप अपने द्वारा चुने गए विषय की एनसीईआरटी की 12वीं की पुस्तक का गहराई से अध्ययन करें। ज्यादातर ऑब्जेक्टिव प्रश्न उसी स्तर के होते हैं।

नेट के तीसरे प्रश्न पत्र की तैयारी के लिए

विषय पर पकड़ हो मजबूत-सबसे पहले तैयारी के हिसाब से पूरे पाठय़क्रम को कई हिस्सों में बांट लें तथा इसी को आधार बना कर अध्ययन करें, सभी टॉपिक्स को बराबर महत्त्व दें। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राम प्रवेश पाठक बताते हैं, ‘नेट की परीक्षा के लिए छात्रों को विषय की स्पष्ट समझ होनी चाहिये। साथ ही प्रेजेंटेशन पर भी विशेष ध्यान रखना चाहिये।’

तीसरा प्रश्न पत्र यानी दूसरी पाली की परीक्षा आपके विषय से संबंधित होती है। इसके जरिये ही विषय पर आपकी गहरी पकड़ की पड़ताल की जाती है। इस प्रश्न पत्र में शुरुआत में संक्षिप्त उत्तर वाले सवाल पूछे जाते हैं। अंत में विश्लेषणात्मक उत्तर वाले प्रश्न होते हैं।  ख्याल रखें, इस प्रश्न पत्र में आपके एमए/एमएससी पाठय़क्रम के स्तर के सवाल होते हैं, इसलिए उत्तर ‘टू दि प्वांइट’ ही दें।

परीक्षा में रखें इन बातों का ख्याल

परीक्षा देने जाते समय खुद को तनावमुक्त रखें तथा धैर्य के साथ पेपर हल करें। हो सकता है कुछेक प्रश्नों के उत्तर आपको न आते हों, ऐसी स्थिति में परेशान न हों, बल्कि जो उत्तर आपको आते हों, उन्हें बेहतर ढंग से लिखने का प्रयास करें। साथ ही लिखे गए मुख्य बिदुओं को रेखांकित करना न भूलें। प्रथम और द्वितीय पेपर से निगेटिव मार्किंग को समाप्त कर दिया गया है, इसलिए कोशिश करें कि कोई प्रश्न छूटने न पाए। संभव हो तो क्रमानुसार तरीके से ही उत्तर लिखें, इससे लिखते और जांचते समय छूटने की आशंका नहीं रहती। लिखावट का खास ख्याल रखें, क्योंकि यह प्रथम दृष्टया ही परीक्षक पर अपना असर डाल देती है। यदि पुस्तिका अच्छी लेखनी में लिखी गई है, तब परीक्षक भी सकारात्मक मुद्रा में आ जाता है, जबकि गन्दी, अशुद्ध और अधिक काट-छांट वाली लेखनी का परीक्षक पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता। पेपर को 10 मिनट पहले खत्म कर, एक बार पूरी उत्तर पुस्तिका को अवश्य जांच लें। इससे कई बार ऐसी छोटी-मोटी गलतियां पकड़ में आ जाती हैं, जो लिखते समय ध्यान नहीं रहतीं। साथ ही यदि कोई प्रश्न भूलवश छूट गया है तो उसका उत्तर देने का भी मौका मिल जाता है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें