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सिविल सर्विस परीक्षा में अनिवार्य अंग्रेजी पर केंद्र को पत्र

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा नए पाठयक्रम के तहत ली जाने वाली सिविल सर्विस की अभियोग्यता परीक्षा (सीसैट) में अनिवार्य अंग्रेजी पत्र को हिंदी पट्टी के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय करार देते हुए...

सिविल सर्विस परीक्षा में अनिवार्य अंग्रेजी पर केंद्र को पत्र
एजेंसीMon, 02 May 2011 07:53 PM
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संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा नए पाठयक्रम के तहत ली जाने वाली सिविल सर्विस की अभियोग्यता परीक्षा (सीसैट) में अनिवार्य अंग्रेजी पत्र को हिंदी पट्टी के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय करार देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चिंता जताते हुए केंद्र को पत्र लिखा है।

नीतीश ने एक प्रश्न के जवाब में सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के एक अभ्यर्थी की ओर से लिखा पत्र उन्हें मिला है, जिसमें प्रारंभिक परीक्षा में अंग्रेजी को अनिवार्य किया गया है। पाठयक्रम में किया गया यह बदलाव हिंदी पट्टी के अभ्यर्थियों के लिए सही निर्णय नहीं है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी के पत्र को अनिवार्य करने की व्यवस्था पर रोक लगनी चाहिए। बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से ग्रामीण अंचल से आने वाले अभ्यर्थियों के साथ यह अन्याय है।

उल्लेखनीय है कि प्रारंभिक परीक्षा प्रणाली में आमूल चूल बदलाव लाते हुए यूपीएससी ने 2011 में नयी व्यवस्था के तहत ली जाने वाली परीक्षा सीसैट में दो पत्र कर दिये हैं, जिसमें दूसरे अनिवार्य प्रश्नपत्र में अंग्रेजी भाषा को भी शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने सीबीएसई द्वारा रविवार को देश भर में आयोजित एआईईईई की प्रवेश परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के तार बिहार से जुड़े होने सवाल पर कहा कि इस मामले में आरोपियों को पकड़ने में बिहार पुलिस जांच अधिकारियों को हर संभव सहयोग देगी।

उन्होंने कहा कि आरोपियों को पकड़ने के लिए बिहार पुलिस जांच अधिकारियों को हर संभव सहयोग देगी। बिहार पुलिस इसमें अपनी विशेषज्ञता की भी मदद देगी। उत्तर प्रदेश पुलिस ने रविवार को कहा था कि प्रश्नपत्र लीक करने वाले गिरोह के तार बिहार और उत्तर प्रदेश से जुड़े हुए हैं।

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