पीएसी में समानांतर व्यवस्था की कोशिश दुर्भाग्यपूर्ण: नीतीश
संसद की लोकलेखा समिति (पीएसी) के समानांतर एक समिति चलाने का कोशिश को दुर्भाग्यपूण करार देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि संवैधानिक संस्था के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए। जनता...
संसद की लोकलेखा समिति (पीएसी) के समानांतर एक समिति चलाने का कोशिश को दुर्भाग्यपूण करार देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि संवैधानिक संस्था के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए।
जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम से इतर कांग्रेस सदस्यों द्वारा पीएसी के वर्तमान अध्यक्ष डॉ. मुरली मनोहर जोशी को हटाकर वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज को अध्यक्ष बनाने की कोशिश की ओर संकेत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।
यह संवैधानिक व्यवस्था है जिसके तहत नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट की समीक्षा पीएसी करती है, जिस पर कार्रवाई की जाती है। नीतीश ने कहा कि यह एक संवैधानिक व्यवस्था है, जिसमें खलल नहीं डाला जाना चाहिए।
संसदीय समितियों का कामकाज आपसी मेलजोल से चलता है और उनके संबंध में लोकसभा के अध्यक्ष का निर्णय अंतिम होता है। उन्होंने कहा कि देश में संसदीय समितियों को सुचारू रूप से चलाने के लिए पहले से नियम बने हुए हैं। समांतर पीएसी का कोई प्रावधान नहीं है। नीतीश ने कहा कि मैंने ऐसी परिस्थिति की कभी कल्पना भी नहीं की थी।