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फिर से तैयार कर लें सही टैक्स प्लान

अप्रैल का महीना खत्म होने वाला है, और लगभग सभी को पता चल गया होगा कि इस साल कितना निवेश आयकर बचाने के लिए करना है। ऐसे में एक सही रणनीति की जरूरत है। आयकर बचाने के लिए अगर गलत निवेश हो जाएगा तो पैसा...

फिर से तैयार कर लें सही टैक्स प्लान
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 01 May 2011 01:21 AM
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अप्रैल का महीना खत्म होने वाला है, और लगभग सभी को पता चल गया होगा कि इस साल कितना निवेश आयकर बचाने के लिए करना है। ऐसे में एक सही रणनीति की जरूरत है। आयकर बचाने के लिए अगर गलत निवेश हो जाएगा तो पैसा तीन से पांच साल तक फंसा रह सकता है।

आयकर बचाने के लिए एक लाख रुपये का निवेश करना प्राथमिकता होती है। इसमें पीएफ से लेकर बीमा और पोस्ट ऑफिस निवेश आते हैं। अगर किसी का पीएफ के रूप में ढाई हजार रुपये महीना कटता है, तो इसका मतलब हुआ कि पूरे साल में 30 हजार का निवेश हो गया। अब एक लाख रुपये के निवेश में से बचे 70 हजार रुपये। इसमें से तीन हजार रुपये महीने का निवेश पीपीएफ में किया जा सकता है। पूरे साल में यह निवेश 36 हजार रुपये महीना हो जाएगा।

अब बचता है 34 हजार रुपये। इस पैसे से 14 से 16 हजार रुपये का बीमा लिया जा सकता है। बचे पैसे को किसी भी अच्छे टैक्स बचाने वाले एमएफ में डाला जा सकता है। इस निवेश पर अगर ध्यान देंगे तो पूरी सुरक्षा के साथ थोड़ा सा निवेश शेयर बाजार में किया गया है। पीएफ में फिलहाल 9.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। लेकिन अगले साल कितना ब्याज मिलेगा यह तय नहीं है। हालात ऐसे ही रहे तो यह 8.5 प्रतिशत पर आ सकता है। 

अब देखें कि पीपीएफ में निवेश में क्या फायदा होगा। इसमें तीन हजार रुपये महीना दस लाख रुपये से ज्यादा हो जाएगा 15 साल में। इस प्रकार 15 साल में एक बड़ी रकम तैयार हो जाएगी। बीमा कराने से सुरक्षा प्राप्त होगी, वहीं करीब 1500 से 2000 रुपये महीने के निवेश से म्यूचुअल फण्ड में अगर 12 प्रतिशत ही रिटर्न मिला तो यह पैसा 15 साल में करीब 10 लाख रुपये हो जाएगा।

एक लाख रुपये के सही निवेश से बीमा सुरक्षा के साथ पीएफ में पैसा बढ़ता रहेगा, दूसरी तरफ पंद्रह साल की नौकरी के बाद आने वाले बड़े खर्च को पूरा करने के लिए 20 लाख रुपये तैयार हो जाएगा। यह पैसा अन्य बचत के अलावा होगा। अगर लम्बे समय की टैक्स निवेश की प्लानिंग की जाए तो कुछ इसी तरह का फण्ड तैयार हो सकता है। आमतौर पर लोगों की नौकरी 30 साल तक चलती है। ऐसे में अगर 20 लाख रुपये को शामिल करते हुए दोबारा इसी तरह का निवेश किया जाए, तो रिटायमेंट के वक्त लोगों के पास एक करोड़ रुपये से अधिक का फण्ड होगा। इसे आठ प्रतिशत ब्याज पर ही निवेश करें तो हर माह खर्च के लिए 66 हजार रुपये होगा।

Email : vinay.mishra@hindustantimes.com

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