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कुर्सी के लिए छीनाझपटी

झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता की धुंध और गहरा गयी है। सीएम की कुर्सी के लिए झामुमो और कांग्रेस दोनों अड़ गये हैं। दोनों का ही कहना है कि अगर राज्य में उनका मुख्यमंत्री न बना, तो वे राष्ट्रपति शासन और...

 कुर्सी के लिए छीनाझपटी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता की धुंध और गहरा गयी है। सीएम की कुर्सी के लिए झामुमो और कांग्रेस दोनों अड़ गये हैं। दोनों का ही कहना है कि अगर राज्य में उनका मुख्यमंत्री न बना, तो वे राष्ट्रपति शासन और फिर चुनाव में जाने को भी तैयार हैं। वहीं, राजद ने साफ कहा है कि गुरुाी पहले कुर्सी छोड़ें, फिर मिल बैठकर नये नेता का चयन कर लिया जायेगा। राजद की पहली पसंद मधु कोड़ा बताये जा रहे हैं। इस बीच, सरकार में महती भूमिका निभानेवाले निर्दलीयों ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वे आंख मूंदकर कोई फैसला मानने के मूड में नहीं हैं। निगाहें एक बार फिर सोनिया-लालू की तरफ हैं।ड्ढr झामुमो ने चंपई को चुना दिल्ली में घोषणा आजड्ढr रांची। झामुमो ने शिबू सोरन के स्थान पर चंपई सोरन को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना है। शनिवार को केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला किया गया। इसकी औपचारिक घोषणा रविवार को नयी दिल्ली में शिबू सोरन करंगे। बंद कमर में हुई कार्यकारिणी की बैठक में चंपई के नाम पर सहमति बन गयी। सूत्रों के मुताबिक विधायकों ने फैसले पर हस्ताक्षर भी कर दिया है। बैठक में नये नेता को लेकर कई नाम सामने आये, लेकिन विवाद भी खूब हुआ। बैठक के बाद शिबू सोरन ने बताया कि विधायक दल के नेता का नाम तय कर लिया गया है। वह 11 जनवरी को दिल्ली में नाम बतायेंगे। इस्तीफा देने के बार में सोरन ने कहा कि इस्तीफा तो देना ही है। बैठक में चुनाव में चलने की बात भी उभरी। शिबू सोरन ने अलग से सभी विधायकों के साथ बैठक की। विधायकों ने सोरन को नेता चुनने के लिए अधिकृत किया। इसके बाद चंपई के नाम पर सहमति बनी।ड्ढr कांग्रेसी मिले स्पीकर के घर, सोनिया को फैक्सड्ढr रांची। शनिवार को स्पीकर आलमगीर आलम के घर कांग्रेस विधायकों की बैठक हुई। बैठक में सोनिया गांधी से आग्रह किया गया कि झारखंड में अब कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार बने या राष्ट्रपति शासन लगे। यही राज्य हित में होगा। विधायकों ने कहा कि कांग्रेस ने दो बार सरकार बनाने के लिए झामुमो का समर्थन किया। इतना ही नहीं, धर्मनिरपेक्ष सरकार बनाने के लिए निर्दलीय का भी समर्थन किया। उसके बाद भी यह स्थिति बन गयी है। अब कोई नया प्रयोग नहीं हो, क्योंकि राज्य की जनता और विधायक भी परशान है। इसलिए या तो कांग्रेस के नेतृत्व में नयी सरकार बने अथवा राष्ट्रपति शासन लागू हो। अब राज्य में पार्टी की स्थिति को मजबूत करना होगा, क्योंकि चुनाव पास है। बैठक के बाद यह जानकारी विधायक नियेल तिर्की ने दी। बैठक में विधायक दल के नेता मनोज यादव, इजराइल अंसारी, नियेल तिर्की, सुखदेव भगत, सौरभ नारायण सिंह के अलावा गोपाल शरण नाथ शाहदेव शामिल हुए। विधायकों ने सोनिया गांधी को फैक्स भेज कर अपनी भावना से भी अवगत कराया। बैठक में अजय माकन और अन्य केंद्रीय नेताओं को फोन कर झामुमो की केंद्रीय कार्यकारिणी द्वारा नया नेता चुने जाने और अन्य फैसले की जानकारी दी गयी।ड्ढr पहले इस्तीफा दें गुरुाी फिर हो विचार: राजदड्ढr रांची। राजद विधायकों ने शिबू सोरन के इस्तीफे के मामले पर अपने तेवर को तल्ख कर दिये हैं। शनिवार को विधानसभा परिसर स्थित लाइब्रेरी में राजद विधायकों और नेताओं की बैठक में शिबू सोरन से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की गयी। नेताओं ने कहा कि उसके बाद ही किसी विकल्प की बात हो। शनिवार की सुबह राजद सांसद घूरन राम, विधायक अन्नपूर्णा देवी, गिरिनाथ सिंह, रामचंद्र चंद्रवंशी, प्रकाश राम, उदयशंकर सिंह, प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा और पूर्व विधायक संजय कुमार सिंह यादव ने करीब डेढ़ घंटे तक मंत्रणा की। बैठक के बाद गिरिनाथ सिंह और गौतम सागर राणा ने कहा कि अगले सीएम के बार में यूपीए नेता तय करंगे। झामुमो नये नेता के रूप में जिसे भी प्रोजेक्ट करगा, उस पर फैसला केंद्रीय नेता ही करंगे। राजद की ओर से यह फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ही लेंगे। प्रदेश के विधायकों को उनका हर फैसला मान्य होगा। पार्टी में कोई मतभेद नहीं है। नेताओं ने कहा कि राजद राज्य में राष्ट्रपति शासन के पक्ष में नहीं है। पार्टी के विधायकों को किसी भी हाल में राष्ट्रपति शासन मंजूर नहीं है। वे देखेंगे कि यूपीए का कौन अगला मुख्यमंत्री बनेगा। बैठक के बाद राजद नेताओं ने अपनी भावना से राष्ट्रीय अध्यक्ष को अवगत करा दिया।ड्ढr आंख मूंद हर फैसला नहीं मानेंगे निर्दलीयड्ढr रांची। निर्दलीय मंत्रियों ने साफ कर दिया है कि वे यूपीए का हर फैसला आंख बंद कर नहीं मानेंगे। किसी भी विकल्प के बार में उनसे भी विचार-विमर्श किया जाना चाहिए। एसा नहीं होने पर निर्दलीय अपना नफा-नुकसान देख कर फैसला लेंगे। शनिवार शाम को स्वास्थ्य मंत्री भानू प्रताप शाही ने यह बात कही। इससे पहले उनके यहां मंत्री बंधु तिर्की और नज्म अंसारी पहुंचे। इन तीनों ने काफी देर तक बातचीत की। अपनी रणनीति को अंतिम रूप दिया। उसके बाद शाही और नज्म अंसारी मधु कोड़ा के आवास पर पहुंचे। बकौल भानू, पिछली बार मधु कोड़ा को हटाये जाने तथा शिबू सोरन को मुख्यमंत्री बनाये जाने से पूर्व निर्दलीयों से सलाह-मशविरा किया गया था। इस बार भी उनकी सहमति जरूरी होगी। उन्होंने कहा कि निर्दलीय विधायक यूपीए के साथ हैं, लेकिन हर फैसले में उनकी भी भागीदारी होनी चाहिए।इससे पहले अपनी पत्नी के साथ दिल्ली से लौटे शाही ने एयरपोर्ट पर कहा कि सीएम पद के लिए बंधु ही क्यों, मेरा नाम क्यों नहीं सामने आ रहा। मधु कोड़ा ने कहा कि यूपीए ने गुरुाी को इस्तीफा देने को कहा है। उधर डिप्टी सीएम स्टीफन मरांडी ने कहा है कि यूपीए के अंदर मिल-बैठकर सबकी सहमति से ही नये नेता का चुनाव होना चाहिए।ड्ढr

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