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सेवांजलि की आज से प्रस्तावित हड़ताल वापस

राज्य सरकार से हुई वार्ता के बाद बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (सेवांजलि) ने 15 जनवरी से अपनी प्रस्तावित हड़ताल को वापस ले लिया है। महासंघ ने दावा किया कि 18 अन्य संवर्गो ने भी हड़ताल पर...

 सेवांजलि की आज से प्रस्तावित हड़ताल वापस
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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राज्य सरकार से हुई वार्ता के बाद बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (सेवांजलि) ने 15 जनवरी से अपनी प्रस्तावित हड़ताल को वापस ले लिया है। महासंघ ने दावा किया कि 18 अन्य संवर्गो ने भी हड़ताल पर जाने का अपना कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से वार्ता के बाद संवाददाता सम्मेलन में महासंघ के अध्यक्ष रामानुज सिंह एवं महामंत्री पारसनाथ ओझा ने आरोप लगाया कि केन्द्रीय वेतनमान के नाम पर राज्यकर्मियों की हकमारी हो रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय वेतनमान में बिहार के 65 पोस्ट हैं ही नहीं, ऐसे में उन्हें किस आधार पर केन्द्रीय वेतनमान का लाभ मिल सकेगा। यही नहीं उन्होंने चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया और कहा कि एक ओर आईएएस को 0 हजार रुपए मिलेंगे जबकि चतुर्थवर्गीय को 4400 का वेतनमान। यह अन्याय है। महासंघ ने कहा कि राज्य सरकार अगर सही मायने में राज्यकर्मियों के हित में काम करना चाहती है तो वह राज्य वेतनमान का गठन कर व राज्य सेवा शर्त लागू कर। सरकार 7 वें वेतन आयोग का गठन कर और उसके टर्म ऑफ रिफरंस में 1.4.81 को लागू वेतनमान की सापेक्षता बरकरार रखते हुए पांच पदेन प्रोन्नति का प्रावधान हो।ड्ढr ड्ढr इस अवसर पर पंचायत सचिव संघ के अध्यक्ष घनश्याम बिहारी शर्मा, महामंत्री वीरन्द्र कुमार, राजकीय नलकूप कर्मचारी संघ के महामंत्री रमेश प्रसाद सिंह, चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शंभू शरण ठाकुर, सिंचाई कामगार यूनियन के शत्रुघ्न पांडेय, ए-गड्र नर्सेज एसोसिएशन की महामंत्री विधिका विश्श्वास, पंचायतराज पदाधिकारी संघ के महामंत्री विकास कुमार, जनसेवक संघ के महामंत्री उमाशंकर साहू, पीएचईडी कर्मचारी संघ के हीरा राम, विद्युत कार्य विभाग चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ के आनंदी प्रसाद सिंह, चिकित्सा एवं जनस्वास्थ्य कर्मचारी संघ के महामंत्री सुकदेव ओझा एवं बिहार अनुसचिवीय कर्मचारी संघ के महामंत्री योगेद्र प्रसाद सिंह उपस्थित थे।ड्ढr ड्ढr शिक्षा अधिकारियों की हड़ताल टलीड्ढr पटना (हि.ब्यू.)। अपर वित्त आयुक्त के आश्वासन के बाद राज्य के शिक्षा अधिकारियों की हड़ताल फिलहाल टल गई है। इससे लाखों शिक्षक अभ्यर्थियों ने राहत की सांस ली है। प्रीमियर सेवा के पेंच और वेतन विसंगति से भड़के बिहार शिक्षा सेवा महासंघ के तमाम अधिकारियों ने बुधवार को बैठक कर 17 जनवरी से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी। महासंघ में बिहार शिक्षा सेवा संघ और बिहार अवर शिक्षा सेवा संघ के प्रखंड से लेकर जिला एवं मुख्यालयस्तर के 1500 से अधिक अधिकारी शामिल हैं। यदि ये प्रस्तावित हड़ताल पर जाते तो इसका सबसे बड़ा असर यह होता कि दूसर चरण की शिक्षक बहाली ठप हो जाती। सरकार को जैसे ही इसका आभास हुआ अपर वित्त आयुक्त ने आनन-फानन महासंघ के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। इसमें आश्वस्त किया गया कि एक हफ्ते के भीतर सरकार उनकी सभी मांगों पर अलग से विचार करेगी। हालांकि महासंघ के नेताओं ने चेताया है कि दो-चार दिनों में यदि उनको वार्ता के लिए नहीं बुलाया जाता है तो वे पुन: हड़ताल पर जाने का निर्णय ले सकते हैं। इस पहले अधिकारियों ने अपनी 7 सूत्री मांगों पर विचार के लिए सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था और चेताया था कि यदि गुरुवार तक सरकार ने कुछ नहीं किया तो 16 जनवरी को वे सामूहिक अवकाश पर रहेंगे और उसी दिन पटना में राज्यस्तरीय बैठक बुलाकर आगे की रणनीति तय करंगे। बैठक में महासंघ के महासचिव एवं निदेशक शैक्षणिक (बिहार विद्यालय परीक्षा समिति) रघुवंश कुमार, वरीय शिक्षा अधिकारी आरएस सिंह, अजीत कुमार, मुखदेव सिंह, संजीव सुमन, रामेश्वर पांडेय और बिहार अवर शिक्षा सेवा संघ के महासचिव विद्याभूषण समेत 30 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया। ये सभी वित्त विभाग के तीन-चार प्रमुख अधिकारियों पर जमकर बरसे और कहा कि वे विभिन्न सेवाओं के अधिकारियों के बीच फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं।ं

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