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‘कॉमनवेल्थ’ ने बिगाड़ी बाजार की हेल्थ गेम

दिल्ली में चल रहे कॉमनवेल्थ खेल का असर शहर ही नहीं पूरे सूबे की बाजार पर दिखाई दे रहा है। सबसे खराब हालत सजावटी रोशनी बाजार की है। सालभर के इस पीक सीजन में माल की आवक न के बराबर रह गई है। रेडीमेड और...

‘कॉमनवेल्थ’ ने बिगाड़ी बाजार की हेल्थ गेम
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 16 Oct 2010 10:48 PM
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दिल्ली में चल रहे कॉमनवेल्थ खेल का असर शहर ही नहीं पूरे सूबे की बाजार पर दिखाई दे रहा है। सबसे खराब हालत सजावटी रोशनी बाजार की है। सालभर के इस पीक सीजन में माल की आवक न के बराबर रह गई है। रेडीमेड और ड्राई फ्रूट के अलावा हीरो हॉन्डा मोटरसाइकिलें भी नहीं आ पा रही हैं। करीब 200 करोड़ रुपए के ऑर्डर फंसे हुए हैं।


कॉमनवेल्थ खेलों के चलते एक अक्टूबर से ही ट्रांसपोर्टरों पर सुबह माल भरने में पाबंदी लग गई थी। रात 12 बजे के बाद माल रवाना करने के फरमान की वजह से पूरा सूबा त्योहारी सीजन में माल की मंदी का सामना कर रहा है। ग्राहकों से बाजार भरे हुए हैं लेकिन नई वैरायटी के अभाव में विंडो शॉ¨पग कर लौट रहे हैं। व्यापारी डेड स्टाक बेचने और दिखाने को मजबूर हैं। कानपुर इलेक्ट्रिक कॉन्ट्रेक्टर्स एंड मर्चेन्ट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष जयप्रकाश लड्डा ने बताया कि इलेक्ट्रिक बाजार की नजर दशहरा-दिवाली पर ही टिकी होती है। इन्दी दिनों सबसे ज्यादा माल की बिक्री होती है लेकिन पीक सीजन में बिजली मंडी सूनी है। आम दिनों की तुलना में मात्र 10 फीसद माल शहर पहुँच रहा है। सजावटी बल्ब, झालर आदि के लिए आसपास के जिलों तक से व्यापारी शहर आते हैं। अब 14 के बाद ही बाजार उठने के आसार हैं।
यही हाल ड्राईफ्रूट का है। बादाम गिरी, पिस्ता और अखरोट दिल्ली से आता है लेकिन 20 दिन से माल न आ पाने से संकट है। किराना मर्चेन्ट एसोसिएशन के महामंत्री अवधेश बाजपेयी ने बताया कि श्रमिकों का संकट पहले से ही ङोल रहे हैं। अब खेलों की वजह से बाजार ठंडी हो रही है। रेडीमेड गारमेंट्स में दुकानों के अंदर डेड स्टाक भरा हुआ है। बच्चों और लेडीज सूट की दिल्ली बड़ी मंडी है लेकिन शोरूम पुरानी ड्रेस से ही काम चला रहे हैं। नवरात्र में दोपहिया वाहनों की बिक्री सबसे ज्यादा होती है लेकिन देश की प्रमुख ऑटो कंपनी हीरो हॉन्डा का पैशन प्रो मॉडल बाजार में ढूँढ़े नहीं मिल रहा है। इस बारे में नार्दन मोटर्स के राजीव खन्ना ने बताया कि कॉमनवेल्थ के कारण गाड़ियाँ नहीं आ पा रही हैं। हफ्तों की बुकिंग चल रही है। काफी नुकसान हो रहा है।
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सेल्स टैक्स टास्क फोर्स का भी खौफ
खेलों के अलावा वाणिज्यकर विभाग का खौफ भी व्यापारियों पर छा गया है। त्योहारों के मद्देनजर वाणिज्य कर विभाग ने एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जिसे सूबे के सीमावर्ती शहरों गाजियाबाद, मेरठ, आगरा, अलीगढ़ और सहारनपुर में तैनात किया गया है। यह टीम 21 दिन के लिए गठित की गई है। व्यापारी नेता महेश मेघानी ने कहा कि  वैट कम आने की वजह से यह टीम बनाई गई है। उन्होंने कहा कि फॉर्म में मामूली गलती के बावजूद पेनाल्टी वसूली जा रही है। एक तो पहले ही माल नहीं आ रहा है और जो थोड़ा बहुत आ रहा है, उस पर वाणिज्यकर की नजरे टेढ़ीं हैं। इसलिए व्यापारी डर के मारे बुकिंग तक नहीं कर रहे हैं।

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