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प्रधानमंत्री ने कॉमनवेल्थ में भ्रष्टाचार की जांच के आदेश दिए

राष्ट्रमंडल खेलों के समापन के बाद आयोजन संबंधी जांच की बढ़ती मांग के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की अध्यक्षता में शुक्रवार रात एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर दी...

प्रधानमंत्री ने कॉमनवेल्थ में भ्रष्टाचार की जांच के आदेश दिए
एजेंसीSat, 16 Oct 2010 01:38 AM
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राष्ट्रमंडल खेलों के समापन के बाद आयोजन संबंधी जांच की बढ़ती मांग के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की अध्यक्षता में शुक्रवार रात एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर दी जो आयोजन में भ्रष्टाचार संबंधी आरोपों की पड़ताल करेगी।

प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक वीके शुंग्लू को इस समिति का प्रमुख बनाया गया है जो तीन महीने के भीतर प्रधानमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे।

यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने राष्ट्रमंडल खेलों से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं का मूल्यांकन शुरू कर दिया है। अधिकारी अब सारे स्टेडियमों का दौरा करेंगे और तमाम ब्योरों की जांच करेंगे।

भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी को शुक्रवार को एक तरह से उस समय डांट पड़ गई जब पदक विजेता खिलाड़ियों को प्रधानमंत्री आवास पर सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया गया लेकिन कलमाड़ी को बुलाया तक नहीं गया।
     
प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन और संचालन संबंधी घटनाक्रम की जांच के लिए पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक वीके शुंग्लू की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। प्रवक्ता ने बताया कि इस समिति के कार्यक्षेत्र का ब्योरा एक दो दिन में जाहिर कर दिया जाएगा।

ये घटनाक्रम तब हुए हैं जब 12 दिवैसीय खेलों के दौरान शांत रहने के बाद आज विपक्षी दलों ने भ्रष्टाचार के आरोपों की विस्तार से जांच कराने की अपनी मांगें तेज कर दीं। कांग्रेस ने भी कहा कि जांच होनी चाहिए और अगर कोई दोषी है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

खेलों के दौरान अपने लेखा कार्य को रोक लेने वाले कैग ने शुक्रवार को अपने निरीक्षण अधिकारियों को एस पी मुखर्जी स्टेडियम के भीतर स्थित सीपीडब्ल्यूडी के कार्यालय में राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़ी परियोजनाओं के खातों की जांच करने को भेजा। राष्ट्रमंडल खेलों का लेखा कार्य, संपन्न हो चुके कामों के लिए किए गए भुगतानों, ठेकों और खेल उपकरणों को किराए पर लेने समेत अन्य बातों से संबंधित हैं।
   
कैग के लेखा परीक्षण में इस बात की जांच की जाएगी कि कैसे लागत और गुणवत्ता के बीच संतुलन रखा गया और क्या लागत अधिक हो गई। कैग के एक अधिकारी ने कहा कि हमने एसपी मुखर्जी स्टेडियम में सीपीडब्ल्यूडी के कार्यालय से शुक्रवार को शुरूआत की है। अब खिलाड़ियों ने आयोजन स्थल को खाली कर दिया है तो हम धीरे-धीरे अन्य सभी स्टेडियमों में अपने निरीक्षण अधिकारियों को भेजना शुरू करेंगे।
   
कैग ने अगस्त में खेलों पर आई लागत का मूल्यांकन शुरू किया था लेकिन सितंबर के अंतिम हफ्ते में लेखा संबंधी कार्यों को उसे रोकना पड़ा था क्योंकि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के परिसर तक उनकी पहुंच नहीं हो सकती थी।

अधिकारियों ने कहा कि कैग को एक पखवाड़े से अधिक समय तक अपने लेखा काम को निलंबित करना पड़ा क्योंकि सीपीडब्ल्यूडी के ज्यादातर दफ्तर उन स्थलों के भीतर थे जहां गुरुवार तक खिलाड़ी थे। अधिकारी ने कहा कि सबसे बड़े स्थल जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम का कैग द्वारा निरीक्षण किया जाना अभी बाकी है और कैग शीघ्र वहां अपने निरीक्षकों को भेजेगा।

कैग के जनवरी के अंत तक सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है। इसे फरवरी में बजट सत्र के दौरान संसद में पेश किया जा सकता है। पिछले साल अगस्त में कैग ने प्रधानमंत्री कार्यालय और खेल मंत्रालय को मूल्यांकन रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें खेलों से संबंधित सभी परियोजनाओं की धीमी प्रगति को रेखांकित किया गया था।
   
प्रधानमंत्री से जब पदक विजेता खिलाड़ियों ने शुक्रवार को मुलाकात की तो उस वक्त खेल परियोजनाओं के काम में विलंब और ठेकों को बांटने में पक्षपात, प्रशिक्षण उपकरणों को अधिक कीमत पर किराए पर लेने समेत भ्रष्टाचार के अनेक आरोपों का सामना कर रहे सीडब्ल्यूजी अध्यक्ष सुरेश कलमाडी को नहीं बुलाया गया।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज शाम जब खिलाड़ियों से मुलाकात की तो उस वक्त खेल मंत्री एमएस गिल को प्रधानमंत्री के रेसकोर्स स्थित आवास के लॉन में देखा गया। पीएमओ सूत्रों ने बताया कि न तो कलमाडी को और न ही आयोजन समिति के किसी अन्य अधिकारी को बुलाया गया था।

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