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Hindi News बुश केचच ‘मध्यरात्रि कचचानूनों’ पर रोक

बुश केचच ‘मध्यरात्रि कचचानूनों’ पर रोक

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा के नए प्रशासन ने सभी संघीय एजेंसियों और विभागों को सभी लंबित कानूनों के अमल पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। ओबामा प्रशासन का कहना है कि कानूनों की समीक्षा होने तक...

 बुश केचच ‘मध्यरात्रि कचचानूनों’ पर रोक
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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अमेरिका के राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा के नए प्रशासन ने सभी संघीय एजेंसियों और विभागों को सभी लंबित कानूनों के अमल पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। ओबामा प्रशासन का कहना है कि कानूनों की समीक्षा होने तक यह रोक लागू रहेगी। ओबामा के मंगलवार शपथ लेने के कुछ ही घंटों बाद व्हाइट हाउस से जारी बयान में कहा गया-‘ व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ राह्मम इमैनुअल ने एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर इसे सभी एजेंसियों और विभागों को भेज दिया है।ड्ढr ड्ढr इसमें सभी लंबित विनिमयों पर तब तक अमल नहीं करने को कहा गया है जब तक ओबामा प्रशासन द्वारा उसकी नीतिगत और वैधानिक समीक्षा नहीं की जाती।’अमेरिका में किसी भी नए प्रशासन की ओर से ‘समीक्षा’ को आमतौर पर बतौर हथियार इस्तेमाल किया जाता है। इसकी मदद से पूर्व राष्ट्रपति द्वारा चुनाव परिणाम घोषित होने से लेकर नए राष्ट्रपति के पदभार ग्रहण करने के दौरान लाए गए ‘मध्यरात्रि कानूनों’ पर रोक लगाई जाती है। निवर्तमान बुश प्रशासन की ओर से लागू ऐसे विवादास्पद ‘मध्यरात्रि कानूनों’ में कुछ राष्ट्रीय उद्यानों में हथियार ले जाने की अनुमति, धार्मिक आधार पर गर्भनिरोधक दवाओं के वितरण अथवा गर्भपात से इनकार करने वाले डाक्टरों-नसोर्ं के खिलाफ भेदभाव बरतने और सरकारी व्यय चिकित्सीय सुविधाएँ देने पर रोक संबंधी कानून शामिल हैं।ड्ढr गुआंतेनामो बे मुकदमों पर रोक : अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद बराक हुसैन ओबामा ने सैन्य अभियोजकों को आदेश दिया है कि वे गुआंतेनामो बे युद्ध अपराध न्यायाधिकरण में सभी लंबित मामलों की सुनवाई अगले 120 दिन तक रोक दें। सैन्य न्यायाधीश अमेरिकी राष्ट्रपति के इस अनुरोध पर संभवत: बुधवार को औपचारिक व्यवस्था देंगे। यह जानकारी इन मुकदमों की सुनवाई प्रक्रिया से जुड़े एक अधिकारी ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर दी। ओबामा के इस कदम से यहाँ लंबित 21 मामलों की कार्यवाही रुक जाएगी जिनमें 11 सितम्बर 2001 के हमलों की साजिश के पाँच आरोपियों को मृत्युदंड दिए जाने की माँग वाला मामला भी शामिल है।

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