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मेज से शुरू हुई नन्हे तबला वादक केशव की यात्रा

राष्ट्रमंडल खेलों के शुभारंभ समारोह में अपनी नन्हीं उंगलियों से अद्भुत समा बांधने वाले सात वर्षीय तबला वादक केशव की संगीत यात्रा की शुरुआत खाने की मेज से हुई थी। इस अद्भुत कलाकार को गाना और गिटार...

मेज से शुरू हुई नन्हे तबला वादक केशव की यात्रा
एजेंसीMon, 11 Oct 2010 12:39 PM
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राष्ट्रमंडल खेलों के शुभारंभ समारोह में अपनी नन्हीं उंगलियों से अद्भुत समा बांधने वाले सात वर्षीय तबला वादक केशव की संगीत यात्रा की शुरुआत खाने की मेज से हुई थी।

इस अद्भुत कलाकार को गाना और गिटार बजाना भी पसंद है खास तौर पर उस समय जब अपनी पसंदीदा ‘स्नो व्हाइट’ कहानी नहीं पढ़ रहे होते। चित्रकार प्रफुल्ला दहानुकर ने जब अपने दो वर्षीय पोते केशव को खाने की मेज पर उनके द्वारा निकाली गई धुन की नकल करते देखा तो उन्होंने उसी समय उसके लिए तबला खरीदने का निर्णय ले लिया।

केशव की मां गोपिका कहती हैं कि इसके बाद उसे पुड्डुचेरी के अरोविली में संगीत के महौल में पलने-बढ़ने के लिए भेज दिया गया। गोपिका गायिका और फोटोग्राफर हैं। केशव ने मां गोपिका और नाडाका के सार्वजनिक कार्यक्रमों में उनके साथ तबले पर संगत देने वाले तबला वादक गणोश बासवराजू के तबले पर हाथों के संचालन की नकल करना शुरू कर दिया।

गोपिका ने बताया कि उनके संगीत कार्यक्रमों के बाद जब केशव घर लौटता तो तबले पर बासवराजू के हाथों की गतियों की नकल करता। बाद में बासवराजू जब भी घर आते तो उन्होंने उसे प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया।

राष्ट्रमंडल खेलों में केशव की प्रस्तुति से पहले की तैयारियों पर गोपिका कहती हैं कि उन्होंने उसे समारोह के लिए एकदम अलग ढंग से तैयार किया था। वह कहती हैं कि उन्होंने केशव को बताया कि यह बहुत बड़ा समारोह होगा और वहां कई लोग प्रस्तुतियां देंगे और वह भी उन्हीं में से एक होगा।

यह केशव की पहली एकल और छठी सार्वजनिक प्रस्तुति थी। अरोविली के दीपनम स्कूल के कक्षा दो के छात्र केशव गाते भी हैं और गिटार भी बजाते हैं।

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