ओबामा ने माना भारत, चीन स्वच्छ उर्जा क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं
पर्यावरण सुरक्षा के लिये उपयुक्त स्वच्छ उर्जा को रोजगार और सशक्त अर्थव्यवस्था की कुंजी बताते हुये अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि भारत, चीन और जर्मनी जैसे देश इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं,...
पर्यावरण सुरक्षा के लिये उपयुक्त स्वच्छ उर्जा को रोजगार और सशक्त अर्थव्यवस्था की कुंजी बताते हुये अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि भारत, चीन और जर्मनी जैसे देश इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, इस क्षेत्र में विकास एवं वृद्धि की पर्याप्त संभावनायें है।
ओबामा प्रशासन ने स्वच्छ उर्जा क्षेत्र में कई नये प्रयास शुरु किये हैं। उन्होंने कहा कि ब्राइटसोर्स नाम की कंपनी इसी महीने सौर उर्जा संयंत्र के क्षेत्र में एक नई क्रांतिकारी शुरुआत करने जा रही है। इस कारखाने के निर्माण में 1,000 लोगों को रोजगार मिलेगा और कारखाना तैयार हो जाने के बाद 1,40,000 घरों में बिजली की आपूर्ती की जा सकेगी। इस तरह का यह विश्व में सबसे बड़ा कारखाना होगा।
ओबामा ने अपने सप्ताहिक रेडियो संबोधन में यह जानकारी देते हुये कहा एक राष्ट्र के तौर पर हमारा भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि 21वीं सदी में उद्योग और नौकरियों का सजन अमेरिका में हो, और मुझे नहीं लगता है कि आने वाले समय में स्वच्छ उर्जा उद्योग के समान रोजगार वृद्धि और विकास जितनी क्षमता किसी और उद्योग में होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि विदेशी तेल आयात पर निर्भरता कम करने और वैकल्पिक उर्जा स्रोत तलाशने की हमारी मंशा और इस संबंध में व्यापक चर्चा के बावजूद साल दर साल विदेशी तेल पर निर्भरता बढ़ती चली गई। विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार के कई अवसर विदेशों में चले गये। ऐसे में नवीन प्रौद्योगिकी और कुशल रोजगार पैदा करने वाली कंपनियां भी चीन, भारत और जर्मनी जैसे देशों में चली गई।