हाइब्रिड कंप्यूटर
ऐसे कंप्यूटर जो एनालॉग और डिजिटल दोनों तरह के कंप्यूटर की क्षमताओं से युक्त होते हैं, उन्हें सुपर कंप्यूटर्स कहा जाता है। सुपर कंप्यूटर का निर्माण इसलिए किया गया ताकि एनालॉग और डिजिटल दोनों कंप्यूटर...

ऐसे कंप्यूटर जो एनालॉग और डिजिटल दोनों तरह के कंप्यूटर की क्षमताओं से युक्त होते हैं, उन्हें सुपर कंप्यूटर्स कहा जाता है। सुपर कंप्यूटर का निर्माण इसलिए किया गया ताकि एनालॉग और डिजिटल दोनों कंप्यूटर में जो भी खामियां हैं, वो दूर हो सकें और एक सुपर कंप्यूटर का निर्माण हो सके। इस तरह हाइब्रिड कंप्यूटर के निर्माण से एक ही कंप्यूटर से डिजिटल और एनालॉग दोनों की सुविधाएं प्राप्त हो जाती हैं।
हाइब्रिड कंप्यूटर मुश्किल से मुश्किल कैलकुलेशन को भी चुटकियों में कर देता है। यह हाइब्रिड कंप्यूटर के साथ में बने एनालॉग सिस्टम के कारण संभव हो पाता है। इक्वेशन को चुटकियों में हल करने की डिजिटल कंप्यूटर की क्षमता भी हाइब्रिड कंप्यूटर में आ जाती है।
मतलब, हाइब्रिड कंप्यूटर एनालॉग कंप्यूटर से संबंधित एक प्रमुख खामी को पूरी तरह से खत्म करने में कामयाब रहा है। दोनों कंप्यूटरों की तुलना की जाए तो बिल्कुल सही उत्तर देने की एनालॉग कंप्यूटर की क्षमता डिजिटल कंप्यूटर की तुलना में काफी काफी हद तक सीमित है।
दोनों कंप्यूटरों के गुणों को हाइब्रिड कंप्यूटर में शामिल करने से अब ज्यादा मुश्किल इक्वेशन को तुरंत हल कर पाना संभव हो गया है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो हाइब्रिड कंप्यूटर स्पीड और सही उत्तर दोनों सुविधाएं देता है, इसका परिणाम यह हुआ है कि यूजर्स के पास कोई ही विकल्प चुनने की बाध्यता नहीं रही है।
हाइब्रिड कंप्यूटर का उपयोग उन जगहों पर सबसे ज्यादा किया जाता है, जहां काफी मात्रा में इक्वेशन हल किये जाने की जरूरत होती है। वहीं, पूरी तरह से एनालॉग कंप्यूटर सिस्टम इक्वेशन का हल तो तुरंत कर देते हैं, पर यह जरूरी नहीं है कि वो हल पूरी तरह से सही हों। डिजिटल कंप्यूटर सिस्टम 100 प्रतिशत सही हल तो दे देता है, पर यह कैलकुलेशन में काफी वक्त लगाता है। हाइब्रिड कंप्यूटर इन दोनों सिस्टम की खामियों को पूरी तरह से दूर करने में कामयाब रहा। साथ ही हाइब्रिड सिस्टम द्वारा दिए गए हल कहीं ज्यादा विस्तृत और उपयोगी साबित होते हैं।