'राहत पैकेज जल्दी वापस लिए तो फिर रुलाएगी मंदी'
संयुक्त राष्ट्र ने आगाह किया है कि अगर दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में राहत पैकेजों को जल्दबाजी में वापस लिया गया तो मंदी के बादल फिल मंडरा सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास रपट-2010...
संयुक्त राष्ट्र ने आगाह किया है कि अगर दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में राहत पैकेजों को जल्दबाजी में वापस लिया गया तो मंदी के बादल फिल मंडरा सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास रपट-2010 में यह बात कही गई है। रपट में कहा गया है कि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्था में राहत पैकजों की जगह लेने के लिए निजी क्षेत्र से पर्याप्त घरेलू मांग होनी चाहिए।
रपट में कहा गया है कि आर्थिक संकट के मूल कारकों को निपटाया नहीं किया गया है और स्थिर एवं समावेशी विकास के साथ-साथ अर्थव्यस्था में सुधारों की निरंतरता को भी बड़ा खतरा बरकरार है।
संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड) के प्रमुख सुपाचयई पानिचपकडी़ ने कहा है कि मौजूद समस्याओं में देशों के बीच भारी ऋण तथा अधिशेष तथा वास्तविक वेतनों में स्थिरता है।
इसमें आगाह किया गया है कि अगर प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सरकारी प्रोत्साहन कार्य्रकमों को जल्दबाजी में वापस लिया गया और वहां उसकी जगह लेने के लिए निजी क्षेत्र की घरेलू मांग अपर्याप्त हुई तो मंदी लौट सकती है।