दिल्ली के कूडे़ से बनेंगे डिजाइनर बैग, बेल्ट और साड़ियां
दिल्ली के कूडे़ से बने फैशन उत्पादों के विदेशों में सफलता प्राप्त करने के बाद पर्यावरण अनूकूल अपसाईक्लिंग तकनीक जल्द ही देश के घरेलू बाजार में कदम रखने वाली है। इस तकनीक का हाल में भारत द्वारा पेटेंट...
दिल्ली के कूडे़ से बने फैशन उत्पादों के विदेशों में सफलता प्राप्त करने के बाद पर्यावरण अनूकूल अपसाईक्लिंग तकनीक जल्द ही देश के घरेलू बाजार में कदम रखने वाली है। इस तकनीक का हाल में भारत द्वारा पेटेंट कराया गया है।
इस तकनीक की मदद से कन्जर्व इंडिया नाम की एक गैरसरकारी संस्था राजधानी दिल्ली में उपयोग किए गए प्लास्टिक बैगों को धोकर, सुखाकर और मशीन से दबाकर उसे डिजाइनर बैग, बेल्ट, जूते, लैंप शेड, और साडियां बनाती है जिसका फ्रांस, ब्रिटेन, डेनमार्क, जापान, इस्राइल और ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों में निर्यात किया जाता है।
अपने पति शलभ अहूजा के साथ मिलकर वर्ष 1998 में कन्जर्व इंडिया की स्थापना करने वाली अनीता अहूजा ने कहा, जब हमने इस व्यापार की शुरूआत की तो हमने यह निश्चय किया कि हमारे उत्पाद ऐसे होने चाहिए जो घरेलू बाजार की बजाय विदेशी बाजार में अधिक उपयुक्त हों। इसने हमें ऐसे उच्च मूल्य बाजारों में पहुंचा दिया जहां से हमने बैगों से हुई अधिक आमदनी को अपने श्रमिकों के लिए शिक्षा, कल्याणकारी परियोजनाओं पर खर्च करना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि हम अपने उत्पादों को तैयार करने के लिए जिस सामग्री का उपयोग करते हैं वह कूडे़ के ढे़र और कारखानों से निकलने वाली बेकार चीजों से आती है। हमें अच्छी तरह से यह बात पता थी कि देश में लोग कूडे़ से बने सामान का उपयोग इतनी आसानी से नहीं करेंगे। हालांकि अब चीजें तेजी से बदल रही हैं और भारत के लोगों को भी यह समझने लगे हैं कि विश्व में उपलब्ध संसाधनों को जितना हो सके बचाकर उपयोग करना चाहिए।
सुनीता ने कहा कि हमारा मानना है कि हमारी संस्था के लिए देश के बाजार में अपने उत्पाद उतारने का यह बिल्कुल उपयुक्त समय है।