ऋषिकेश में बरस रहे डॉलर, पाउण्ड और यूरो
तीर्थनगरी ऋषिकेश में डॉलर, पाउंड, यूरो की खनक बढ़ती जा रही है। विदेशी सैलानियों के दम पर यहां फॉरेन करेंसी एक्सचेंज का कारोबार सालाना 20 फीसदी के दर से बढ़ रहा है। बीते साल ये कारोबार 10 करोड़ रुपए...
तीर्थनगरी ऋषिकेश में डॉलर, पाउंड, यूरो की खनक बढ़ती जा रही है। विदेशी सैलानियों के दम पर यहां फॉरेन करेंसी एक्सचेंज का कारोबार सालाना 20 फीसदी के दर से बढ़ रहा है। बीते साल ये कारोबार 10 करोड़ रुपए का था जो इस साल 12 करोड़ रुपए तक बढ़ने जा रहा है। ऋषिकेश में इस कारोबार में शामिल डीलर और फ्रेंचाइजी की संख्या 50 तक पहुंच गई है।
ऋषिकेश में विदेशी पर्यटकों की आमद लगातार बढ़ती जा रही है। सैलानियों को यहां खरीददारी के लिए भारतीय रुपए की जरूरत पड़ती है। इन्हीं के दम पर ऋषिकेश, मुनिकीरेती व लक्ष्मणझूला क्षेत्र में विदेशी करेंसी एक्सचेंज का कारोबार फल फूल रहा है। इस काम में शामिल फ्रैंचाइजी की संख्या अब 50 से अधिक हो गई हैं। इन डीलर और फ्रैंचाइजी के जरिए विदेशी मेहमान डॉलर, पाउंड व यूरो देकर इंडियन करेंसी यानि रुपया प्राप्त करते हैं। इस वक्त ऋषिकेश के फॉरेन करेंसी एक्सचेंज कारोबार में सबसे अधिक कारोबार डॉलर का हो रहा है। जो वर्ष 09 में 5 करोड़ 40 लाख रुपए से बढ़कर इस साल अब तक 6 करोड़ 20 लाख रुपए को पार कर चुका है। इसके बाद यूरो दूसरे स्थान पर है। जबकि पाउंड, फ्रैंक, येन का भी छिटपुट कारोबार होता है। इस तरह भारतीय राजकोष में विदेशी मुद्रा का भंडार जमा करने में ऋषिकेश अहम रोल निभा रहा है। जो रुपया विदेशी नागरिक यहां के बाजार से उठाते हैं, उनमें से अधिकांश यहीं के व्यापारियों की झोली में जाता है। एक आंकलन के अनुसार औसत एक विदेशी पर्यटक ऋषिकेश क्षेत्र में लगभग पांच हजार रुपए खर्च करता है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक केएन मित्र का कहना है कि रुपए के बदले फॉरेन करेंसी के संग्रहण में हर साल बढोतरी हो रही है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है।
इस तरह बढ़ रही विदेशी मुद्रा (रुपए में)
वर्ष जमा
2008 आठ करोड़
2009 10 करोड़
2010 (अब तक) नौ करोड़
आंकड़े - एसबीआई ऋषिकेश
विदेशियों की संख्या में भी इजाफा
साल लक्ष्मणझूला मुनिकीरेती
2008 18,619 6,525
2009 18,710 13,757
2010(अब तक) 14,550 13,590
आंकड़े- खुफिया विभाग