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कई मौत के बाद राजस्थान में डॉक्टरों की हड़ताल खत्म

जोधपुर में चिकित्सकों से मारपीट व पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में शनिवार रात से जारी रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल मंगलवार शाम खत्म हो गई। इससे पहले जोधपुर के हड़ताली डॉक्टरों की राज्य सरकार के साथ हुई...

कई मौत के बाद राजस्थान में डॉक्टरों की हड़ताल खत्म
एजेंसीTue, 07 Sep 2010 09:57 PM
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जोधपुर में चिकित्सकों से मारपीट व पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में शनिवार रात से जारी रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल मंगलवार शाम खत्म हो गई।

इससे पहले जोधपुर के हड़ताली डॉक्टरों की राज्य सरकार के साथ हुई विभिन्न चरणों की वार्ता में राज्य सरकार मेडिकल छात्रों पर लाठीचार्ज के दोषी जिला प्रशासन के दो अधिकारियों का तबादला  करने और पीडि़त डॉक्टरों को मुआवजा देने की मांगों पर सहमति हो गई। बाद में जोधपुर में डॉक्टरों की संघर्ष समिति ने हड़ताल समाप्त करने का एलान किया।

जयपुर में एक सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया कि जोधपुर संभागीय आयुक्त सुदर्शन सेठी के निवास पर हुई चिकित्सकों की वार्ता के बाद जोधपुर में रेजीडेंट डाक्टरों, मेडीकल टीचर्स और मेडीकल विद्यार्थियों सहित समस्त डाक्टरों की हड़ताल समाप्त हो गई।

अतिरिक्त संभागीय आयुक्त गोविन्द सिंह चारण ने बताया कि डाक्टरों की ए.डी.एम सिटी जोधपुर और अपर पुलिस अधीक्षक शहर राजेश सिंह को हटाने की मुख्य मांग थी जिस पर कार्रवाई हो गई है।

पिछले तीन दिन से जारी हडताल के चलते राज्य में 5० से ज्यादा मरीजों को उपचार नहीं मिलने के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी गई। इससे पहले आज तीसरे दिन भी हड़ताल के चलते जयपुर सहित राज्यभर के अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई रही। हड़ताल खत्म होने की घोषणा के बाद डॉक्टरों के जल्द ही वापस काम पर लौटने की उम्मीद है। इससे अस्पतालों में उपचार के अभाव में तड़प रहे मरीजों और उनके परिजनों को बड़ी राहत मिली है।

गौरतलब है कि इससे पहले बीती देर रात जोधपुर में वरिष्ठ चिकित्सकों ने सरकार से वार्ता के बाद हड़ताल समाप्त कर दी थी, लेकिन रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर डटे रहने से वरिष्ठ चिकित्सक भी सुबह दिन में फिर से हड़ताल पर चले गए थे। इससे राज्य सरकार के समक्ष गंभीर संकट उत्पन्न हो गया था।

 पता चला है कि वरिष्ठ चिकित्सकों ने बाद में अपनी संघर्ष समिति बनाकर अस्पतालों में आए दिन होने वाली मारपीट की घटनाओं को रोकने और लाठीचार्ज के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांगों पर राज्य सरकार से सीधी वार्ता की। वरिष्ठ चिकित्सकों के दबाव बनाए जाने के बाद ही सरकार मांगों पर सहमत हो पाई।

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