अमेरिका में लाखों भारतीयों की नौकरी खतरे में है। अमेरिकी सीनेटर चक ग्रास्सेली ने अमेरिकी कंपनियों से कहा है कि मौजूदा आर्थिक संकट के दौरान छंटनी की स्थिति में वे पहले विदेशी कर्मचारियों को बाहर निकालें। सीनेटर ने सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन को लिखे एक पत्र में कहा है कि वे हाल ही में घोषित छंटनी में प्रशिक्षित अमेरिकी कर्मचारियों को न निकालें। अगर ऐसा हुआ तो इसका भारतीय मूल के लोगों पर व्यापक असर हो सकता है क्योंकि एच-1बी वीजा के तहत माइक्रोसॉफ्ट में अनेक विदेशी नागरिक काम करते हैं जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय शामिल हैं। प्रत्येक वर्ष लगभग 60,000 भारतीय पेशेवरों को एच-1बी वीजा दिया जाता है। उन्होंने यह पत्र माइक्रोसॉफ्ट की उस घोषणा के संदर्भ में लिखा है जिसमें कंपनी ने अगले 18 महीनों के दौरान करीब 5,000 कर्मचारियों की छंटनी की बात कही थी। माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीव बाल्मर को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘जसा कि आप जानते हैं मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि विदेशी कामगारों की नियुक्ति से पहले प्रशिक्षित अमेरिकी कामगारों को काम पर रखा जाए।’’
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