आरएनआरएल-रिलायंस पावर के विलय को शेयरधारकों की मंजूरी
अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (एडीएजी) की दो कंपनियों रिलायंस पावर और रिलायंस नैचुरल रिसोर्सेज (आरएनआरएल) के शेयधारकों ने दोनों इकाइयों के विलय को मंजूरी दे दी है। इस विलय के बाद 50,000 करोड़ रुपये मूल्य...
अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (एडीएजी) की दो कंपनियों रिलायंस पावर और रिलायंस नैचुरल रिसोर्सेज (आरएनआरएल) के शेयधारकों ने दोनों इकाइयों के विलय को मंजूरी दे दी है। इस विलय के बाद 50,000 करोड़ रुपये मूल्य की इकाई अस्तित्व में आएगी।
दोनों कंपनियों की ओर से बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में कहा गया है कि रिलायंस पावर और आरएनआरएल के शेयरधारकों की चार सितंबर को हुई अलग-अलग बैठकों में इस विलय प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
दोनों कंपनियों के निदेशक मंडलों की चार जुलाई को हुई बैठक में पूर्ण शेयर सौदे में आरएनआरएल के रिलायंस पावर में विलय को मंजूरी दी गई थी। इसके तहत आरएनआरएल के शेयरधारकों को अपने प्रत्येक चार शेयरों के लिए रिलायंस पावर का एक शेयर दिया जाएगा।
इस विलय के बाद रिलायंस पावर के शेयरधारकों की संख्या 60 लाख से अधिक हो जाएगी। आरएनआरएल के विलय से मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ होने वाले गैस सौदे रिलायंस पावर को सीधे फायदा होगा। यह विलय ऐसे समय हुआ है, जबकि कुछ दिन पहले ही आरएनआरएल ने आरआईएल से उन बिजली परियोजनाओं के लिए संशोधित गैस आपूर्ति करार किया है, जो रिलायंस पावर देख रही है।
करीब पांच साल पहले हुए रिलायंस साम्राज्य के विभाजन से आरएनआरएल अस्तित्व में आई थी। आरएनआरएल के गठन का मकसद इर्ंधन मुख्य रूप से प्राकृतिक गैस को प्राप्त करना, आपूर्ति करना और परिवहन करना था। विभाजन योजना के तहत आरएनआरएल को रिलायंस इंडस्ट्रीज के से प्राकृतिक गैस प्राप्त करना और इसे एडीएजी के दादरी के निकट 7,800 मेगावाट के प्रस्तावित बिजली संयंत्र सहित अन्य संयंत्रों के लिए बेचना था।