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विधानसभा कर्मचारियों और अधिकारियों ने दिया धरना

उत्तराखंड विधान सभा के अधिकारियों और कर्मचारियों ने सोमवार को अभूतपूर्व कदम उठाते हुये उत्तराखंड सरकार के ढुलमुल रवैये के खिलाफ न केवल सभा परिसर में धरना दिया बल्कि कार्य का बहिष्कार भी किया, जिससे...

विधानसभा कर्मचारियों और अधिकारियों ने दिया धरना
एजेंसीMon, 06 Sep 2010 05:26 PM
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उत्तराखंड विधान सभा के अधिकारियों और कर्मचारियों ने सोमवार को अभूतपूर्व कदम उठाते हुये उत्तराखंड सरकार के ढुलमुल रवैये के खिलाफ न केवल सभा परिसर में धरना दिया बल्कि कार्य का बहिष्कार भी किया, जिससे परिसर में अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गयी।

विधान सभा के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने सेवा नियमावली को सरकार द्वारा पिछले एक वर्ष से लटकाये जाने के खिलाफ सोमवार को परिसर में नारेबाजी भी की और सरकार विरोधी नारे भी लगाये। कर्मचारियों और अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान अध्यक्ष हरबंस कपूर ने कर्मचारियों और अधिकारियों की सेवा नियमावली के लिए उच्चाधिकार प्राप्त एक समिति का गठन किया था, जिसने अपनी रिपोर्ट एक वर्ष पूर्व ही सरकार को दे दी थी।

धरना दे रहे आंदोलनकारियों ने कहा कि गत एक वर्ष से उस रिपोर्ट को सचिवालय के लिपिकों ने दबा रखा है और उस पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है। इसके चलते पिछले दस सालों से कर्मचारियों और अधिकारियों की सेवा नियमावली नहीं बन सकी है।

विधानसभा में कर्मचारियों और अधिकारियों की कोई यूनियन नहीं है। इसलिए आज सभी लोगों ने स्वस्फूर्त कदम उठाते हुए अपने अपने कार्यों का बहिष्कार कर दिया और परिसर में सड़क पर आ गये तथा धरना देते हुए नारेबाजी करने लगे। कर्मचारियों और अधिकारियों के इस आंदोलन से विधान सभा का नियमित कामकाज पूरी तरह से बाधित रहा और विभिन्न समितियों की आहूत बैठकें भी नहीं हो सकीं।

कांग्रेस के विधायक दल के उप नेता तिलक राज बेहड़ ने इस अवसर पर बताया कि वह कर्मचारियों और अधिकारियों की उचित मांग के समर्थन में हैं। उन लोगों सेवा नियमावली नहीं बनना और सरकारी स्तर पर उसमें अडंगा लगाना पूरी तरह से नाजायज है। बेहड़ एक समिति की बैठक करने के लिए आये थे लेकिन उन्होंने कहा कि वह भी इस आंदोलन में अपने को शरीक करते हैं और मांग करते हैं कि जल्द से जल्द सेवा नियमावली बनाई जाये और इसको रोकने के लिये जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाये।

उत्तराखंड गठन के बाद ऐसा पहला मौका है, जब विधान सभा के कर्मचारियों और अधिकारियों ने आंदोलनात्मक रवैया अपनाया हो।

दूसरी ओर, उत्तराखंड की राज्यपाल मारग्रेट अल्वा ने विधान सभा का सत्र आगामी 22 सितम्बर से आहूत किया है। सत्र के मद्देनजर विधान सभा अध्यक्ष हरबंस कपूर ने सत्र के दौरान चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये अधिकारियों को निर्देश जारी किया है। कपूर ने इस सिलसिले में गत तीन सितम्बर को राज्य के आला अफसरों की एक बैठक बुलाई थी और सत्र के लिये आवश्यक निर्देश जारी किये थे।

उन्होंने कहा कि बिना समुचित पास के कोई भी व्यक्ति विधान सभा में प्रवेश नहीं करें। इसके लिये पुख्ता इंतजाम किये जाये।
कपूर ने कहा कि मुख्य प्रवेश द्वार पर दो स्थानों पर चैनल गेट पर कडी जांच की जाये और इसके बाद ही किसी को अंदर प्रवेश दिया जाये। कपूर ने कहा कि अधिकारी दीर्घा और दर्शक दीर्घा में भी सभी की पूरी जांच की जायेगी और इसके बाद ही प्रवेश मिल सकेगा। पहचान पत्र के बगैर कोई भी किसी दीर्घा में प्रवेश नहीं कर सकेगा। कपूर ने सूचना निदेशक को निर्देश दिया था कि प्रश्न काल की वीडियो रिकार्डिंग कराकर उसकी सीडी इलेक्ट्रानिक चैनलों को मुहैया कराया जाये ताकि उसका प्रसारण हो सके।

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