राष्ट्रमंडल खेल 1970 के नायक थे भारतीय पहलवान
दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों से पहले पहलवानों के डोपिंग में फंसने से भी ही भारत की बदनामी हुई हो और तैयारियों का झटका लगा हो लेकिन ये पहलवान ही थे जिन्होंने स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग में 1970 राष्ट्रमंडल...
दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों से पहले पहलवानों के डोपिंग में फंसने से भी ही भारत की बदनामी हुई हो और तैयारियों का झटका लगा हो लेकिन ये पहलवान ही थे जिन्होंने स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग में 1970 राष्ट्रमंडल खेलों में देश का नाम रोशन किया था।
पहलवानों ने 16 से 25 जुलाई तक एडिनबर्ग में हुए नौवें राष्ट्रमंडल खेलों में अपना दबदबा बनाते हुए पांच स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य सहित नौ पदक हासिल किए थे जिसकी बदौलत भारत इन खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पांच स्वर्ण, तीन रजत और चार कांस्य सहित 12 पदक हासिल करने में हरा था। इन खेलों को तब ब्रिटिश राष्ट्रमंडल खेलों के नाम से जाना जाता था।
कुश्ती में भारत के दबदबे का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि दस स्पर्धा में दांव पर लगे 10 स्वर्ण पदक में से पांच उसके खाते में गए। उसे हालांकि अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान से भी कड़ी टक्कर मिली जो चार स्वर्ण के अलावा दो-दो रजत और कांस्य पदक हासिल करने में भी सफल रहा।
इन खेलों के लिए 30 खिलाड़ियों का दल भेजने वाले भारत ने पांच खेलों की 27 स्पर्धाओं में शिरकत की और अंक तालिका में छठे स्थान पर रहा जो उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
कुश्ती में भारत को मुखतियार सिंह ने पुरुषों के वेल्टरवेट वर्ग (74 किग्रा), हरीश चंद्र राजेंद्र ने मिडिलवेट वर्ग (82 किग्रा), उदय चंद ने लाइटवेट वर्ग (68 किग्रा), वेद प्रकाश ने लाइट फ्लाइवेट (48 किग्रा) और सुदेश कुमार फ्लाइवेट वर्ग (52) में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे जबकि विश्वनाथ सिंह को हैवीवेट वर्ग (100 किग्रा), मारूति माने को हैवीवेट प्लस वर्ग (100 किग्रा से अधिक) और सज्जन सिंह को लाइट हैवीवेट वर्ग (90 किग्रा) में रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
रंधावा सिंह ने कुश्ती के फीदरवेट वर्ग (62 किग्रा) में भारत का इस स्पर्धा का एकमात्र कांस्य पदक जीता।
ए नवीस ने भारोत्तोलन की 60 किग्रा कंबाइंड पोजीशन में भारत को कांस्य पदक दिलाया। इसके अलावा भारत को पुरुषों की त्रिकूद में मोहिंदर सिंह गिल ने 15.90 की कूद से के साथ कांसे का तमगा दिलाया जबकि एस भोंसले ने भी पुएषों की मुक्केबाजी के वेल्टरवेट वर्ग (67 किग्रा) कांस्य पदक जीता।
भारत को और अधिक पदक मिल सकते थे लेकिन भीम सिंह पुरुषों की उंची कूद जबकि बैडमिंटन की एकल स्पर्धा में सुरेश गोयल चौथे स्थान पर रहते हुए चूक गए। भीम सिंह ने उंची कूद में 2.06 मीटर की कूद के साथ चौथा स्थान हासिल किया था और वह तीसरे स्थान पर रहे शेख तिदियान फाये (2.10 मीटर) से काफी पीछे नहीं थे।