'भारत रत्न' मेरा भी सपना : तेंदुलकर
महान क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने शुक्रवार को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) का मानद ग्रुप-कैप्टन बनने के बाद कहा कि हर देशवासी की तरह भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' उनका भी सपना है। वायु...
महान क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने शुक्रवार को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) का मानद ग्रुप-कैप्टन बनने के बाद कहा कि हर देशवासी की तरह भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' उनका भी सपना है। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल पीवी नाइक ने शुक्रवार को वायु सेना मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान तेंदुलकर को अपने 'परिवार' में शामिल किया।
इस अवसर पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जब तेंदुलकर से पूछा गया कि अर्जुन पुरस्कार, खेल रत्न, पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण पाने के बाद क्या अब उन्हें खुद को 'भारत रत्न' से नवाजे जाने की उम्मीद है, तब तेंदुलकर ने कहा कि निश्चित तौर पर वह भी यह सपना देखते हैं।
तेंदुलकर ने कहा कि मैं ही क्या, हर देशवासी इस सम्मान के लिए लालायित रहता है लेकिन मैं इसे लेकर किसी प्रकार की जल्दबाजी में नहीं हूं। मेरा मानना है कि अपने क्षेत्र में हमेशा अच्छा करते रहना हम देशवासियों का कर्तव्य है। इस कर्तव्य के बदले देश एक ना एक दिन जरूर सम्मानित करता है। मेरी इसी सेवा का नतीजा है कि आज वायु सेना ने मुझे अपने परिवार में शामिल किया है।
इस अवसर पर नाइक ने कहा कि अपनी उपलब्धियों के माध्यम से राष्ट्र की सेवा करने वाले विशिष्ट लोगों को दिए जाने वाले सम्मान के तहत तेंदुलकर को इस पद से सुशोभित किया गया है। क्रिकेट के मैदान में 20 वर्षों की उनकी कर्तव्यनिष्ठा, देशभक्ति और समर्पण वायु सेना के सभी अधिकारियों और जवानों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। हम उन्हें अपने परिवार में शामिल करके गौरव महसूस कर रहे हैं।
तेंदुलकर ने खेल के माध्यम से देश की जो सेवा की, उसके लिए वायु सेना ने उन्हें इस विशिष्ट सम्मान से नवाजने का फैसला किया था। वायु सेना ने इसके लिए रक्षा मंत्रालय के सामने प्रस्ताव रखा था। रक्षा मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाते हुए इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के पास भेज दिया था, जिसे उन्होंने 23 जून को स्वीकृति दे दी थी।
वायु सेना का मानना है कि तेंदुलकर उसके लिए ब्रांड एंबेस्डर के तौर पर काम करेंगे और वायु सेना के साथ उनके इस संबंध के कारण युवा इसमें शामिल होने की ओर अग्रसर होंगे। तेंदुलकर ने वायु सेना द्वारा दिए गए इस सम्मान को गर्व की बात बताया और युवाओं से वायुसेना में शामिल होने का आह्वान किया।
तेंदुलकर ने कहा कि मैं भारतीय वायु सेना को सैल्यूट करता हूं। उसने इस पद के माध्यम से मुझे सम्मान दिया है। इस सम्मान का सपना मैं बचपन से देखा करता था। आखिरकार आज मेरा यह सपना पूरा हुआ। मैं चाहता हूं कि मेरे देश का हर युवक विश्व की सर्वश्रेष्ठ वायुसेना में शामिल होकर देश की सेवा में योगदान दे।
इससे पहले, वायु सेना ने उद्योगपति विजयपत सिंघानिया को एयर कमोडोर पद से नवाजा था। सिंघानिया को 1990 में आयोजित 'फेडरेशन एअरोनाटिक्वे इंटरनेशनेल' एअर रेस में स्वर्ण पदक हासिल करने के लिए सम्मानित किया गया था। सिंघानिया ने 24 दिनों तक चले उस एअर शो के दौरान 30,000 किलोमीटर दूरी तय की थी। दूसरी ओर, 37 वर्षीय तेंदुलकर ने अपने करीब 21 वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय करियर में क्रिकेट के अनेक रिकार्ड अपने नाम किए हैं।