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ब्लैकबेरी मामले में अब कोई अनिश्चितता नहीं: चिदंबरम

सरकार ने बुधवार को कहा कि ब्लैकबेरी फोन निर्माता कंपनी सुरक्षा एजेंसियों को उसकी सेवाओं पर 60 दिन के भीतर कानूनी एक्सेस प्रदान कर देगी। गृह मंत्री पी चिदंबरम ने स्पष्ट किया कि ब्लैकबेरी फोन निर्माता...

ब्लैकबेरी मामले में अब कोई अनिश्चितता नहीं: चिदंबरम
एजेंसीWed, 01 Sep 2010 07:32 PM
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सरकार ने बुधवार को कहा कि ब्लैकबेरी फोन निर्माता कंपनी सुरक्षा एजेंसियों को उसकी सेवाओं पर 60 दिन के भीतर कानूनी एक्सेस प्रदान कर देगी।

गृह मंत्री पी चिदंबरम ने स्पष्ट किया कि ब्लैकबेरी फोन निर्माता कंपनी रिसर्च इन मोशन (रिम) तथा गूगल और स्काईप जैसे अन्य सेवा प्रदाताओं के परिचालन को लेकर देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि रिम अपनी कुछ सेवाओं पर एक्सेस के लिए सहमत हो गई है और इस प्रक्रिया का कार्यान्वयन शुरू हो गया है।

गृह मंत्रालय का अगस्त महीने का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए चिदंबरम ने यह बात संवाददाताओं से कही। उनके साथ प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद गृह सचिव जीके पिल्लै ने कहा कि तकनीकी समाधान को लेकर बातचीत अभी भी चल रही है और इस मामले की समीक्षा 60 दिन के भीतर की जाएगी।

चिदंबरम ने मंगलवार रात एक कार्यक्रम में कहा था कि ब्लैकबेरी की सेवाओं पर सुरक्षा एजेंसियो के एक्सेस के मसले में सरकार का रुख दृढ है और इस मुद्दे पर कोई अनिश्चितता नहीं है। पिल्लै ने कहा कि तकनीकी वार्ता अभी चल रही है। हमने 60 दिन का समय तय किया है और उसके बाद सुरक्षा मुद्दे की समीक्षा की जाएगी। 

भारत में परिचालन करने वाले सभी मोबाइल परिचालकों का भारत में सर्वर होना चाहिए और उनकी सेवाओं पर सुरक्षा एजेंसियों का एक्सेस भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बात ब्लैकबेरी निर्माता कंपनी रिसर्च इन मोशन (रिम) और अन्य मोबाइल परिचालन कंपनियों को स्पष्ट कर दी गई है।

इस बीच, गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि गूगल, इंटरनेट फोन काल सेवा प्रदाता स्काईप और वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) जैसे अन्य सेवा प्रदाताओं को भी सरकार के निर्देशों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन सभी सेवा प्रदाताओं को अगले 60 दिन में अपनी सेवाओं पर सुरक्षा एजेंसियों को एक्सेप प्रदान करना होगा।

अधिकारी ने कहा कि इन सेवा प्रदाताओं को नोटिस जारी किए गए हैं और उन्हें गृह मंत्रालय के निर्देश मानने होंगे अन्यथा उन्हें भारत में अपना परिचालन बंद करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भेदभाव नहीं होगा । भारत में परिचालन कर रहे सभी नेटवर्क को कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अपने नेटवर्क पर एक्सेस प्रदान करना होगा। उन्होंने बताया कि भारत में पुश मेल सेवा शुरू करने की इच्छुक नोकिया भारत में सर्वर लगाने के लिए राजी हो गई है।

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