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कोसी प्रलय को लेकर केंद्र पर भड़के नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि केन्द्र बिहार के विकास में कदम-कदम पर बाधाएं उत्पन्न कर रहा है। कोसी प्रलय को लेकर केन्द्र पर भड़के मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ितों के बीच राहत कार्य चलाने में...

 कोसी प्रलय को लेकर केंद्र पर भड़के नीतीश
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि केन्द्र बिहार के विकास में कदम-कदम पर बाधाएं उत्पन्न कर रहा है। कोसी प्रलय को लेकर केन्द्र पर भड़के मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ितों के बीच राहत कार्य चलाने में भी केन्द्र अड़ंगा लगा रहा है। उन्होंने जदयू के शिविर में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कोसी पीड़ितों के बीच वे दूसर चरण का राहत कार्य चलाना चाहते हैं, लेकिन केन्द्र अनाज नहीं दे रहा। वे ‘बाजार मूल्य’ पर केन्द्र से अनाज मांग रहे हैं, बावजूद इसके केन्द्र कोई जवाब नहीं दे रहा।ड्ढr ड्ढr इसीलिए सरकार पीड़ितोंे को ही एक क्िवंटल अनाज का मूल्य दे रही है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कुसहा मामले में केन्द्र सिर्फ राजनीति कर रहा है। इसीलिए उन्हें नेपाल नहीं जाने दिया गया। उन्होंने कोसी पुर्नवास क ो लेकर भी के न्द्र को कटघर में खड़ा किया और पूछा कि वह बताए बिहार की राशि कब तक मिलेगी? इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री राम सुन्दर दास, प्रभुनाथ सिंह, शिवानंद तिवारी, मीना सिंह, विजेन्द्र यादव, वृषण पटेल, हरिनारायण सिंह, अली अनवर, श्रवण कुमार, अनिल पाठक,रवीन्द्र सिंह, लोकप्रकाश सिंह मौजूद थे। धान खरीद की राह कठिन पर लक्ष्य पाने की उम्मीदड्ढr पटना (हि. ब्यू.)। मुश्किलों से भरी है धान खरीद की राह। फिर भी अधिकारियों को लक्ष्य प्राप्त कर लेने का भरोसा है। मंगलवार को राज्य किसान आयोग की पहल पर बुलाई गई बैठक में जो बातें सामने आई उसपर आयोग ने गंभीर चिंता प्रकट की। बिचौलियों से बचने के लिए यह तय हुआ कि अब उन्हीं किसानों से धान की खरीद होगी जो रंट रसीद लेकर आयेंगे। अधिकारियों ने बताया कि 12 लाख टन लक्ष्य के बावजूद अबतक मात्र दो लाख टन धान की खरीद हो सकी है। बिचौलियों के कारण किसान परशान हैं।ड्ढr ड्ढr एफसीआई के प्रतिनिधि के सामने ही अधिकारियों ने स्वीकार किया कि बिचौलियों का सबसे अधिक बोलबाला एफसीआई के केन्द्रों पर ही है। फूड कारपोरशन को राशि मिल जाने के कारण राज्य सरकार द्वारा घोषित बोनस की राशि किसानों को देने में अब कोई परशानी नहीं है। पहले भी जिन किसानों के धान खरीदे गये हैं उन्हें भी यह राशि मिलेगी। बोरे की कमी को दूर करने के लिए भी ठोस उपाय पर विचार हुआ। बैठक में खाद्य सचिव त्रिपुरारि शरण ने आयोग को यह भरोसा दिलाया कि सरकार निर्धारित लक्ष्य प्राप्त कर लेगी। अध्यक्ष ने कहा कि सरकारी एजेन्सियों को इसके लिए पहले से ही तैयारी कर लेनी चाहिए।

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